
जगरगुंडा क्षेत्र में 21 लाख के इनामी तीन हार्डकोर नक्सली गिरफ्तार
सुकमा में नक्सलियों को करारा झटका: 21 लाख के तीन इनामी हार्डकोर नक्सली गिरफ्तार, शिक्षा दूत की हत्या में थे शामिल
सुकमा। जिला सुकमा में नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। शनिवार को थाना जगरगुण्डा क्षेत्र में सक्रिय तीन हार्डकोर ईनामी नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए नक्सलियों में से दो पर 8-8 लाख रुपये और एक पर 5 लाख रुपये का इनाम छत्तीसगढ़ शासन द्वारा घोषित था। इस प्रकार कुल 21 लाख रुपये के इनामी नक्सली पुलिस के हत्थे चढ़े हैं।
पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर डीएसपी तोमेश वर्मा एवं एसी शास्वत मनु के नेतृत्व में जिला बल और सीआरपीएफ 165वीं बटालियन की संयुक्त टीम ने शनिवार को ग्राम गोंदपल्ली और आसपास के क्षेत्रों में एरिया डोमिनेशन एवं नक्सलियों की गिरफ्तारी के लिए अभियान चलाया। अभियान के दौरान गोंदपल्ली गांव की घेराबंदी कर तीन नक्सलियों को धर दबोचा गया।
गिरफ्तार नक्सलियों की पहचान इस प्रकार है:
1. डोडी पोदिया उर्फ प्रकाश (उम्र 36 वर्ष) – सीआरसी रीजनल कंपनी नंबर 02 का सदस्य, पीपीसीएम, इनामी 8 लाख।
2. डोडी पांडू (उम्र 18 वर्ष) – पीएलजीएल कंपनी नंबर 10 मुख्यालय का पार्टी सदस्य, इनामी 8 लाख।
3. डोडी नंदू (उम्र 28 वर्ष) – एओबी पार्टी सदस्य, पीपीसीएम, इनामी 5 लाख।
तीनों आरोपी ग्राम गोंदपल्ली, सरपंचपारा, थाना जगरगुंडा, जिला सुकमा (छत्तीसगढ़) के निवासी हैं।
गिरफ्तार नक्सली दिनांक 13 सितंबर 2024 को गोंदपल्ली में एक शिक्षा दूत की हत्या की घटना में भी शामिल रहे हैं। आरोपियों ने ग्रामीणों की बैठक लेकर पीड़ित पर पुलिस का मुखबिर होने का आरोप लगाया था, जिसके बाद उसे डंडों से पीटा गया और रस्सी से गला घोंट कर हत्या कर दी गई। इस मामले में थाना जगरगुंडा में भारतीय न्याय संहिता की धारा 190, 191(2), 140, 103(1), 25 आर्म्स एक्ट और यूएपीए की धारा 38, 39, 16(क) के तहत मामला दर्ज है।
गिरफ्तार किए गए नक्सली, जगरगुंडा, चिंतलनार और चिंतागुफा क्षेत्रों में हुई अन्य नक्सली घटनाओं में भी शामिल रहे हैं। तीनों को विशेष माननीय न्यायालय दंतेवाड़ा में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। पुलिस अब इनके अन्य आपराधिक गतिविधियों की भी जांच कर रही है और अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।
यह गिरफ्तारी सुकमा पुलिस और सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, जिससे क्षेत्र में नक्सल गतिविधियों पर लगाम कसने में सहायता मिलेगी।