तौलिये में लिपटी साज़िश: ऑपरेशन के बाद महिला की मौत, प्राइवेट अस्पताल में लापरवाही या हत्या?
तौलिये में लिपटी साज़िश

तौलिये में लिपटी साज़िश: ऑपरेशन के बाद महिला की मौत, प्राइवेट अस्पताल में लापरवाही या हत्या?
जांजगीर-चाम्पा : जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर से एक गर्भवती महिला इलाज की उम्मीद लेकर आई थी, लेकिन उसे जो मिला वो सिर्फ दर्द, धोखा और मौत थी।
जिला अस्पताल में डिलीवरी न करवाकर उसे मुख्यालय के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया, जहाँ ऑपरेशन कर जुड़वां बच्चों को जन्म दिलवाया गया। ऑपरेशन के बाद जल्दबाज़ी में छुट्टी दी गई, लेकिन महिला की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती गई।
बिना पूरी जांच के उसे दोबारा उसी अस्पताल में भर्ती किया गया और फिर से बिलासपुर के एक निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया। वहाँ पहली सोनोग्राफी में “सब कुछ सामान्य” बताकर लौटा दिया गया, पर जब दर्द असहनीय हो गया तो फिर ऑपरेशन हुआ—जहाँ डॉक्टरों की आंखें उस समय फटी रह गईं जब महिला के पेट से एक बड़ा तौलिया निकला! ये वही तौलिया था जो पहले ऑपरेशन के समय अंदर छोड़ दिया गया था। इस भयावह लापरवाही का वीडियो उसी ऑपरेशन थिएटर के एक कर्मचारी ने रिकॉर्ड किया।
महिला की हालत में सुधार की बजाय पांच दिन बाद उसकी दर्दनाक मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने नैतिक जिम्मेदारी लेने के बजाय मामले को दबाने के लिए मृतका के परिजनों के एक सदस्य को खरीद लिया और पूरे मामले को रफा-दफा करने की साजिश रच दी।
इतना ही नहीं, दशगात्र तक अस्पताल ने मृतका के घर पर अपना चौकीदार बैठाकर यह सुनिश्चित किया कि कोई बाहर वाला परिवार से बात न कर सके। शक तब गहराया जब हर आगंतुक से बात करने खुद अस्पताल से जुड़ा व्यक्ति आता रहा।
अब जब मीडिया ने इस खौफनाक सच्चाई की भनक पा ली है, तो एयर कंडीशनर ओपीडी में बैठे डॉक्टरों को भी पसीना आने लगा है। जिन हाथों में जान बचाने की ज़िम्मेदारी थी, वही हाथ एक मासूम महिला की जान के कातिल निकले।
मीडिया इस जघन्य अपराध को उजागर कर दोषियों के चेहरे से नकाब हटाएगा, और इस महिला को ज़रूर इंसाफ दिलाएगा।
इंसाफ की दस्तक अब ज़ोर से होने लगी है—तैयार रहिए, अगली सुर्खियों में नामों के साथ होगी डॉक्टरों की असल तस्वीरें!