“यह हत्या है, दुर्घटना नहीं!” — नरेंद्र यादव की मौत पर भड़का यादव समाज, एसपी से की कड़ी कार्रवाई की मांग
रहस्यमयी मौत ने उठाए सवाल

“यह हत्या है, दुर्घटना नहीं!” — नरेंद्र यादव की मौत पर भड़का यादव समाज, एसपी से की कड़ी कार्रवाई की मांग
जांजगीर-चांपा : बलौदा विकासखंड के ग्राम भैंसतरा निवासी 28 वर्षीय ट्रेलर चालक नरेंद्र यादव पिता रामकुमार यादव की रहस्यमयी मौत ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। यह दर्दनाक घटना 27 मई 2025 की रात बिरगहनी कटरा–बलौदा मार्ग पर हुई, जब नरेंद्र यादव लहूलुहान हालत में सड़क किनारे पाया गया। राहगीरों की सूचना पर 112 की टीम ने घायल को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
प्रथम दृष्टया मामला संदिग्ध प्रतीत होता है और परिजन इसे साजिशन हत्या मान रहे हैं। घटना स्थल से कुछ दूरी पर मृतक की ट्रेलर गाड़ी सही-सलामत हालत में खड़ी पाई गई, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि यह केवल दुर्घटना नहीं, बल्कि सोची-समझी योजना के तहत की गई हत्या हो सकती है।
इस घटना को लेकर अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा के प्रतिनिधियों ने मृतक के परिजनों के साथ पुलिस अधीक्षक श्री पांडे से उनके कार्यालय में मुलाकात की। प्रतिनिधियों ने पुलिस को सौंपे ज्ञापन में मांग की कि इस जघन्य अपराध की सूक्ष्म जांच की जाए और जल्द से जल्द दोषियों को गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जाए।
महासभा के प्रतिनिधियों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस की जांच की गति बेहद धीमी है, जिससे समाज में असंतोष व्याप्त है। उन्होंने मांग की कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाए, ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके और अपराधियों को बचने का मौका न मिले।
पुलिस अधीक्षक श्री पांडे ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त करते हुए बताया कि इस मामले में धारा 302 (हत्या) के तहत अपराध दर्ज कर लिया गया है और अपराधियों की तलाश तेज़ी से जारी है। उन्होंने समाज के लोगों से अपील की कि यदि किसी के पास कोई जानकारी या सुराग हो, तो तत्काल पुलिस को सूचित करें।
ज्ञापन सौंपने वालों में यादव महासभा जिलाध्यक्ष गिरधारी यादव, बलौदा ब्लॉक अध्यक्ष मनोज यादव, पवन यादव, सदन यादव, कृपाशंकर यादव, जीवन यादव, शत्रुघ्न यादव, लक्ष्मीनारायण यादव, नंदकुमार यादव, भुजबल यादव, हरि यादव सहित मृतक के परिजन और समाज के कई अन्य गणमान्य सदस्य शामिल रहे।
यह मामला अब केवल एक मौत नहीं, बल्कि न्याय की लड़ाई में बदल चुका है, जिसे यादव समाज ने पूरी गंभीरता से उठाया है।