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“17 की शक्कर 20 में! परसदा में राशन वितरण बना ग्रामीणों के लिए बोझ”

सरपंच खामोश, जांच का दावा कर रहा खाद्य विभाग

“17 की शक्कर 20 में! परसदा में राशन वितरण बना ग्रामीणों के लिए बोझ”

शासन तय कर चुका है 17 रु./किलो दर, परसदा में सेल्समैन वसूल रहा 20 रु.

सरपंच खामोश, जांच का दावा कर रहा खाद्य विभाग

 

जांजगीर-चांपा। राज्य सरकार द्वारा गरीबों को राहत देने की मंशा से चलाई जा रही सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में गड़बड़ी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। बलौदा जनपद के अंतर्गत ग्राम पंचायत परसदा में राशन कार्डधारियों से प्रति किलो शक्कर पर 3 रुपये की अतिरिक्त वसूली की जा रही है। शासन द्वारा तय मूल्य 17 रुपये है, लेकिन यहां हितग्राहियों को 20 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं।

ग्रामीण बोले— चिल्लर नहीं तो पूरा 20 दो!

मीडिया टीम से बात करते हुए ग्रामीणों ने बताया कि जब वे 20 रुपये लेकर शक्कर लेने पहुंचते हैं, तो उन्हें यह कहकर लौटा दिया जाता है कि “खुले पैसे लाओ!” और अगर 20 रुपये दिए जाते हैं तो बाकी पैसे नहीं लौटाए जाते। यह सिलसिला कई सालों से चल रहा है। सवाल ये है कि यह अतिरिक्त वसूली किसके संरक्षण में हो रही है?

सरपंच सवालों से भागे, सेल्समैन पर संदेह

जब इस मामले को लेकर मौके पर मौजूद गांव के सरपंच से पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली। वहीं, सेल्समैन पर प्रति किलो 3 रुपये अतिरिक्त वसूलने के आरोप लगे हैं। गांव में कोई जवाबदेही तय नहीं है और हितग्राही असहाय महसूस कर रहे हैं।

खाद्य विभाग ने कहा— “होगी जांच”

मामले की जानकारी खाद्य विभाग को दी गई तो अधिकारी ने फोन पर कहा कि जल्द ही जांच करवाई जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि यह भी स्पष्ट नहीं हो सका कि पिछले कई सालों से की गई वसूली का क्या होगा।

जमीनी हकीकत और सवाल:

शासन 17 रुपये में शक्कर उपलब्ध करा रहा है, तो वसूली 20 की क्यों?

क्या सरपंच और पंचायत प्रतिनिधियों को इस वसूली की जानकारी नहीं?

विभागीय निगरानी तंत्र की भूमिका कितनी सक्रिय है?

क्या पिछले कई सालों की वसूली ग्रामीणों को लौटाई जाएगी?

शक्कर की मिठास अब ग्रामीणों के लिए कड़वी हकीकत बन गई है। यदि इस मामले में ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो यह शासन की योजनाओं की साख पर भी सवाल खड़े करेगा। अब देखने वाली बात होगी कि क्या यह मामला सिर्फ “जांच होगी” के दायरे में सिमटकर रह जाता है या वास्तव में जिम्मेदारों पर कार्रवाई होती है।

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