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फर्जी MPH डिग्री घोटाला: NHM के जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. प्रिंस जायसवाल बर्खास्त,

जांच में सामने आया बड़ा फर्जीवाड़ा

फर्जी MPH डिग्री घोटाला: NHM के जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. प्रिंस जायसवाल बर्खास्त,

जांच में सामने आया बड़ा फर्जीवाड़ा

सूरजपुर | जिले के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत डॉ. प्रिंस जायसवाल को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने के आरोप में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के आयुक्त सह मिशन संचालक ने बर्खास्त कर दिया है। डॉ. जायसवाल वर्तमान में जिला कार्यक्रम प्रबंधक (DPM) के पद पर कार्यरत थे। मिशन संचालक ने उनकी संविदा सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का आदेश जारी किया है।

यह कार्रवाई बैकुंठपुर नगर पालिका के पार्षद संजय जयसवाल द्वारा फरवरी 2024 में की गई शिकायत के बाद हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि डॉ. प्रिंस जायसवाल ने नौकरी के लिए Master of Public Health (MPH) की जो डिग्री प्रस्तुत की थी, वह गुजरात स्थित साबरमती विश्वविद्यालय से बताई गई थी, जो फर्जी निकली।

शिकायत मिलने के बाद मिशन संचालक कार्यालय रायपुर द्वारा संबंधित विश्वविद्यालय को पत्र भेजा गया। साथ ही, पार्षद ने सूरजपुर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को भी इस मामले से अवगत कराया। जांच में जब साबरमती विश्वविद्यालय से पत्राचार किया गया तो विश्वविद्यालय ने ईमेल के माध्यम से पुष्टि की कि उक्त डिग्री फर्जी है और विश्वविद्यालय द्वारा जारी नहीं की गई है।

इस पुष्टि के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, मिशन संचालक व एनएचएम के एमडी तक शिकायत की गई। जांच रिपोर्ट आने के बाद NHM के आयुक्त सह मिशन संचालक ने आदेश जारी करते हुए डॉ. प्रिंस जायसवाल की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दीं।

इस पूरे मामले को लेकर शिकायतकर्ता संजय जयसवाल ने आरोप लगाया है कि स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत भी इसमें हो सकती है। उन्होंने सरकार से इस मामले में FIR दर्ज करने की मांग की है।

जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) ने कहा है कि उन्हें मामले की जानकारी मिली है और FIR दर्ज करने की प्रक्रिया विभाग के उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार की जाएगी।

यह मामला न केवल स्वास्थ्य विभाग में भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह दर्शाता है कि किस प्रकार फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी सेवाओं में प्रवेश किया जा रहा है। अब देखना यह होगा कि इस घोटाले में और कौन-कौन लोग शामिल हैं और क्या उच्चस्तरीय जांच के बाद अन्य कार्रवाई भी होगी।

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