योग दिवस के नाम पर शिक्षकों ने की मनमानी, बच्चों को समय से पहले कर दिया छुट्टी
योग दिवस बना शिक्षकों का ‘मौज दिवस’

योग दिवस के नाम पर शिक्षकों ने की मनमानी, बच्चों को समय से पहले कर दिया छुट्टी
योग दिवस बना शिक्षकों का ‘मौज दिवस’
जांजगीर-चांपा। आज पूरे प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को उत्साह के साथ मनाया गया। स्कूलों में भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए, जहाँ शिक्षकों और विद्यार्थियों ने मिलकर योगाभ्यास किया। मगर इसी कार्यक्रम की आड़ में कुछ शिक्षकों की लापरवाही उजागर हुई है, जिससे शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं।
मामला जिले के बम्हनीडीह विकासखंड अंतर्गत प्राथमिक शाला हथनेवरा और बलौदा विकासखंड के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला रैनपुर का है, जहाँ पर योग कार्यक्रम सम्पन्न होते ही शिक्षकों ने विद्यार्थियों को नियत समय से पहले ही छुट्टी दे दी।
शिक्षा विभाग के अनुसार, गर्मी के कारण शाला संचालन का समय सुबह 7 बजे से 11 बजे तक निर्धारित है और छात्रों को 11 बजे के बाद ही छुट्टी देना अनिवार्य है। मगर इन स्कूलों में शिक्षकों ने 10 बजे से पहले ही बच्चों को घर भेज दिया, जिससे शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देशों का खुला उल्लंघन हुआ है।
जब इस पूरे प्रकरण की जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी को दी गई, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि “स्कूलों में समय से पहले छुट्टी देना नियमविरुद्ध है, और ऐसा करने वालों पर संबंधित जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।”
अब सवाल यह है कि क्या प्रधान पाठकों द्वारा की गई इस मनमानी को शिक्षा विभाग गंभीरता से लेकर कड़ी कार्यवाही करेगा या यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा?
इस घटनाक्रम ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या शिक्षक योग को स्वास्थ्य दिवस की बजाय छुट्टी का अवसर समझ बैठे हैं?