फर्जी दिव्यांग बनकर खा रहे हक, दिव्यांग संघ ने मांगी बर्खास्तगी और एफआईआर, दी घेराव की चेतावनी
हाईकोर्ट तक को गुमराह कर गए फर्जी दिव्यांग! जांजगीर में सेवा संघ ने दी कलेक्टर और अफसरों को अल्टीमेटम

फर्जी दिव्यांग बनकर खा रहे हक, दिव्यांग संघ ने मांगी बर्खास्तगी और एफआईआर, दी घेराव की चेतावनी
हाईकोर्ट तक को गुमराह कर गए फर्जी दिव्यांग! जांजगीर में सेवा संघ ने दी कलेक्टर और अफसरों को अल्टीमेटम
फर्जी दिव्यांगों पर कसा शिकंजा, जांच व कार्रवाई की मांग तेज
जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ ने जिले में फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र के दम पर सरकारी नौकरी करने वालों के खिलाफ तीखा मोर्चा खोल दिया है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी और कृषि उपसंचालक को दो अलग-अलग ज्ञापन सौंपते हुए ऐसे कर्मचारियों की तत्काल बर्खास्तगी और एफआईआर की मांग की है। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो दिव्यांगजन 28 जुलाई और 5 अगस्त को संबंधित कार्यालयों का घेराव करेंगे।
संघ की ओर से पहला गंभीर मामला व्याख्याता सत्येन्द्र सिंह चंदेल का उठाया गया है। आरोप है कि सत्येन्द्र सिंह चंदेल ने फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र के आधार पर न सिर्फ नौकरी पाई बल्कि 26 मई 2023 को मेडिकल बोर्ड द्वारा फर्जी प्रमाणित हो जाने के बावजूद 30 मई को हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अंतरिम राहत भी हासिल कर ली। संघ का दावा है कि चंदेल की दिव्यांगता फर्जी साबित हो चुकी है और उसकी पुनः जांच की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने प्रशासन से उसके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर सेवा से बर्खास्त करने की मांग की है।
दूसरा मामला कृषि विभाग से जुड़ा है, जिसमें हाईकोर्ट की याचिका क्रमांक WPS 2101/2025 में शामिल शांतनु सिंह सहित 7 अन्य कर्मचारियों पर दिव्यांगता प्रमाणपत्र के फर्जी होने का आरोप है। हाईकोर्ट ने 2 मई को सभी का छह सप्ताह में राज्य मेडिकल बोर्ड से परीक्षण कराने का आदेश दिया, लेकिन अब तक सिर्फ शांतनु को ही बुलाया गया है। संघ ने अन्य नामजद लोगों — सोमेश सिंह, दीपक कुमार राजपूत, भूषण प्रसाद पांडे, रोहित पटेल, धनंजय महिलाने, आनंद कुमार राजपूत और WPS 7160/2023 में शामिल जितेन्द्र साहू का भी परीक्षण कराने की मांग की है।
संघ ने यह स्पष्ट किया है कि यदि प्रशासन ने इन मामलों में ठोस कदम नहीं उठाए, तो दिव्यांगजन 28 जुलाई को कलेक्टर कार्यालय और 5 अगस्त को कृषि उपसंचालक कार्यालय का घेराव करेंगे।
इन मामलों ने न सिर्फ प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि यह भी उजागर किया है कि किस तरह फर्जी दस्तावेजों के दम पर वास्तविक दिव्यांगजनों के अधिकारों को रौंदा जा रहा है।
संघ ने प्रशासन को चेताया है
अब चुप्पी नहीं चलेगी, फर्जीवाड़े पर सख्त कार्रवाई जरूरी है।