“जिले में ही समायोजित हों अतिशेष शिक्षक: विधायक ब्यास कश्यप की प्रशासन से सख्त मांग”
बिलासपुर संभाग के नियम दोहरे क्यों? जांजगीर के 110 शिक्षकों को न्याय दिलाने मैदान में उतरे विधायक ब्यास कश्यप

“जिले में ही समायोजित हों अतिशेष शिक्षक: विधायक ब्यास कश्यप की प्रशासन से सख्त मांग”
बिलासपुर संभाग के नियम दोहरे क्यों? जांजगीर के 110 शिक्षकों को न्याय दिलाने मैदान में उतरे विधायक ब्यास कश्यप
जांजगीर-चांपा। जिले के शिक्षकों के साथ हुए अन्याय के खिलाफ जांजगीर-चांपा विधायक ब्यास कश्यप ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने जिले के अतिशेष शिक्षकों को अन्य जिलों में भेजे जाने की प्रक्रिया को न केवल अन्यायपूर्ण करार दिया, बल्कि इसे शासन के निर्देशों की खुली अवहेलना बताया। इस संबंध में उन्होंने जिला कलेक्टर को पत्र सौंपते हुए समक्ष उपस्थित होकर स्पष्ट निर्देश दिए कि जिले के 109 रिक्त पदों पर जिले से बाहर किए गए शिक्षकों को तुरंत समायोजित किया जाए।
गौरतलब है कि युक्तियुक्तकरण के तहत जिले के लगभग 110 शिक्षकों का स्थानांतरण अन्य जिलों में कर दिया गया है, जबकि जांजगीर-चांपा जिले में अभी भी 109 शिक्षकीय पद रिक्त हैं। शिक्षकों के एक प्रतिनिधि मंडल ने विधायक कश्यप से भेंट कर इस अन्यायपूर्ण प्रक्रिया की जानकारी दी थी, जिस पर विधायक ने तत्परता से संज्ञान लेते हुए स्वयं कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर अपर कलेक्टर ज्ञानेन्द्र सिंह ठाकुर से मुलाकात की और समायोजन की मांग रखी।
विधायक कश्यप ने अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी और संयुक्त संचालक शिक्षा बिलासपुर ने नियमों की मनमानी व्याख्या कर शिक्षकों के साथ अन्याय किया है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब मुख्यमंत्री स्वयं विधानसभा में लिखित रूप से यह कह चुके हैं कि पूर्व माध्यमिक शालाओं में विषय बाध्यता समाप्त हो चुकी है, तो फिर अधिकारियों ने विषय बाध्यता का बहाना बनाकर शिक्षकों का अन्य जिलों में तबादला क्यों किया?
उन्होंने कोरबा और सारंगगढ़ जिलों का उदाहरण देते हुए कहा कि इन जिलों में भी विषय बाध्यता नहीं देखी गई, और वहीं के अतिशेष शिक्षकों को उन्हीं जिलों के रिक्त पदों पर समायोजित कर दिया गया। ऐसे में बिलासपुर संभाग के अंतर्गत आने वाले जांजगीर जिले के साथ यह दोहरा मापदंड क्यों?
विधायक ब्यास कश्यप ने अपने पत्र में स्पष्ट लिखा है कि संयुक्त संचालक शिक्षा बिलासपुर द्वारा जिला कलेक्टर को गुमराह किया गया है और जांजगीर-चांपा जिले के शिक्षकों के साथ भेदभाव किया गया है। इस मुद्दे पर अकलतरा विधायक राघवेन्द्र कुमार सिंह और जैजैपुर विधायक बालेश्वर साहू ने भी कलेक्टर को पत्र लिखकर शिक्षकों को न्याय दिलाने की मांग की है।
जिले में 109 पद रिक्त होने के बावजूद 110 शिक्षकों को बाहर भेजना प्रशासनिक अन्याय ही नहीं, बल्कि शिक्षकों की गरिमा के साथ खिलवाड़ भी है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस गंभीर मांग पर कितना शीघ्र और प्रभावी निर्णय लेता है। विधायक ब्यास कश्यप की सक्रियता ने शिक्षकों की उम्मीदें फिर से जगा दी हैं।