‘मोदी की गारंटी लागू करो’ की मांग के साथ प्रदेशभर के कर्मचारी सड़कों पर – 16 जुलाई को रैली और 22 अगस्त को हड़ताल
महंगाई भत्ता, पदोन्नति और पेंशन की मांग को लेकर गरजे कर्मचारी – ‘कलम रख, मशाल उठा’ आंदोलन का ऐलान

‘मोदी की गारंटी लागू करो’ की मांग के साथ प्रदेशभर के कर्मचारी सड़कों पर – 16 जुलाई को रैली और 22 अगस्त को हड़ताल
महंगाई भत्ता, पदोन्नति और पेंशन की मांग को लेकर गरजे कर्मचारी – ‘कलम रख, मशाल उठा’ आंदोलन का ऐलान
जांजगीर-चाम्पा। छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने राज्य भर के कर्मचारियों एवं पेंशनरों के लंबित मांगों को लेकर निर्णायक आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। संघ के प्रांताध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने जानकारी दी कि राज्य में मान्यता प्राप्त सभी कर्मचारी संगठनों के संयुक्त मोर्चा ‘छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन’ के साथ मिलकर यह आंदोलन किया जा रहा है, जिसमें तृतीय वर्ग संघ की भूमिका अग्रणी रहेगी।
संघ ने स्पष्ट किया है कि वह कर्मचारियों के हितों को सर्वोपरि मानते हुए हर मोर्चे पर आवाज उठाएगा। इसी कड़ी में संघ द्वारा आगामी 16 जुलाई को जिला, ब्लॉक और तहसील मुख्यालयों में रैली, प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपने की योजना बनाई गई है, जबकि आंदोलन के द्वितीय चरण में 22 अगस्त को राज्यव्यापी एकदिवसीय हड़ताल का आह्वान किया गया है।
मुख्य मांगे इस प्रकार हैं—
राज्य के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को केंद्र के समान देय तिथि से लंबित महंगाई भत्ता एरियर सहित प्रदान किया जाए।
चार स्तरीय पदोन्नत वेतनमान लागू किया जाए।
33 वर्ष के बजाय 25 वर्ष की सेवा पर पूर्ण पेंशन दी जाए।
निःशर्त अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाए।
अनियमित, संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का शीघ्र नियमितीकरण किया जाए।
वेतन विसंगतियों को लेकर पिंगुआ समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए और उस पर शीघ्र अमल हो।
संघ ने इस आंदोलन को “कलम रख, मशाल उठा” जैसे नारों के साथ सशक्त बनाने की अपील की है। राजधानी रायपुर में 16 जुलाई को दोपहर 12.30 बजे कर्मचारी कलेक्टर गार्डन में एकत्रित होकर रैली निकालेंगे और जिलाधीश को ज्ञापन सौंपेंगे।
संघ का कहना है कि यह आंदोलन न केवल कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में कदम है, बल्कि सरकार को यह संदेश देने का भी माध्यम है कि कर्मचारी वर्ग अपने अधिकारों के लिए एकजुट है और पीछे हटने वाला नहीं।