तीन-तीन लाख में बिकी नौकरियां! समग्र शिक्षा भर्ती घोटाले पर गरमाया सदन
चयन सूची को ताक पर रख, रिश्वत लेकर दी नियुक्ति! समग्र शिक्षा भर्ती में भारी घोटाला, विधायक ने सदन में उठाई आवाज

तीन-तीन लाख में बिकी नौकरियां! समग्र शिक्षा भर्ती घोटाले पर गरमाया सदन
चयन सूची को ताक पर रख, रिश्वत लेकर दी नियुक्ति! समग्र शिक्षा भर्ती में भारी घोटाला, विधायक ने सदन में उठाई आवाज
समग्र शिक्षा भर्ती में गड़बड़ी, विधायक ने मांगी जांच
रायपुर। समग्र शिक्षा के अंतर्गत की गई भर्ती में करोड़ों के भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ने इस गंभीर विषय पर ध्यानाकर्षण सूचना के जरिए सदन का ध्यान खींचते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री से इस घोटाले की तत्काल जांच की मांग की है।
विधायक शुक्ला ने बताया कि मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता कार्यक्रम प्रोजेक्ट (FNL) के तहत आईटी, न्यूमरेसी और लिट्रेसी से जुड़े कुल 41 पदों के लिए वर्ष 2024 में विज्ञापन जारी किया गया था। इन पदों पर हजारों बेरोजगारों ने आवेदन किया था। चयन प्रक्रिया के तहत 3 अक्टूबर 2024 को 100 आवेदकों का साक्षात्कार आयोजित किया गया था। इसके बाद सहायक संचालक के हस्ताक्षर से चयन सूची और प्रतीक्षा सूची जारी की गई।
परंतु चौंकाने वाली बात यह रही कि चयनित उम्मीदवारों को ईमेल के माध्यम से सूचना तो दी गई, लेकिन उन्हें नियुक्ति आदेश जारी नहीं किए गए। इसके विपरीत, कुछ ऐसे लोगों को तीन-तीन लाख रुपए की रिश्वत लेकर नियुक्ति दी गई जो न तो इंटरव्यू में शामिल हुए थे और न ही चयन सूची में उनका नाम था।
इस गंभीर अनियमितता में समग्र शिक्षा के प्रोजेक्ट प्रबंधक, एपीसी और कंप्यूटर ऑपरेटर की सीधी संलिप्तता बताई जा रही है। विधायक शुक्ला ने यह भी उजागर किया कि यही प्रोजेक्ट प्रबंधक पूर्व में किलोल पत्रिका और चलचित्र जैसे विवादास्पद मामलों में भी घोटालेबाजी के आरोपों में घिरे रहे हैं।
पीड़ित उम्मीदवारों ने 29 अप्रैल 2025 को समग्र शिक्षा के प्रबंध संचालक को लिखित शिकायत दी थी, परंतु आज तक न तो कोई जांच शुरू हुई और न ही किसी जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई की गई। इससे साफ जाहिर होता है कि शिक्षा विभाग के भीतर भ्रष्टाचार को संरक्षण मिल रहा है।
विधायक ने चेतावनी दी कि यदि इस पूरे घोटाले की जांच नहीं करवाई गई, तो इससे प्रदेश के हजारों योग्य बेरोजगारों के अधिकारों का गला घोंटा जाएगा। उन्होंने मांग की है कि भ्रष्ट अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए चयन सूची के अनुसार ईमानदार उम्मीदवारों को नियुक्ति दी जाए।
अब देखना यह होगा कि शासन-प्रशासन इस गहरे भ्रष्टाचार पर कब तक और किस स्तर तक जांच करता है। आहत बेरोजगारों और आम जनता को जवाब का इंतजार है।