
48 घंटे में पुलिस का कमाल: चचेरे भाई और दोस्तों ने किया था 8 साल के मासूम का अपहरण, साइबर टीम की सतर्कता से मिली सफलता
तकनीक और टीमवर्क की मिसाल बनी जांजगीर पुलिस, रिश्ते के भरोसे का फायदा उठाकर रची गई खौफनाक अपहरण की साजिश 48 घंटे में हुई बेनकाब
जांजगीर-चांपा। थाना मुलमुला क्षेत्र में 8 वर्षीय मासूम के अपहरण के मामले में पुलिस और साइबर टीम ने शानदार सफलता हासिल की है। मात्र 48 घंटे के भीतर बालक को सुरक्षित बरामद कर अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। मामले का खुलासा तब हुआ जब जांच में सामने आया कि मासूम का अपहरण किसी और ने नहीं बल्कि उसका चचेरा भाई और उसके साथी ने ही फिरौती के लिए किया था।
10 लाख फिरौती की थी योजना, पुराना जमीन विवाद बना वजह
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी राहुल टंडन ने जमीन विवाद को लेकर अपने परिजनों से रंजिश रखते हुए यह खौफनाक साजिश रची। उसने अपने साथियों प्रशांत मैना और उमेश दिवाकर के साथ मिलकर 10 लाख रुपये फिरौती मांगने की योजना बनाई थी।

घटना का सिलसिला: रिश्ते का भरोसा बना अपहरण का हथियार
25 अगस्त को शाम करीब 5 बजे मुलमुला क्षेत्र के ग्राम लगरा का बालक अचानक लापता हो गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी विजय कुमार पाण्डेय के निर्देशन और एएसपी उमेश कुमार कश्यप के मार्गदर्शन में साइबर टीम और पुलिस ने तत्काल जांच शुरू की। सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी विश्लेषण से पता चला कि घटना के समय आरोपी राहुल टंडन का वाहन लगातार संदिग्ध गतिविधियों में था। पूछताछ में शुरू में उसने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन जब उससे सख्ती से पूछताछ हुई तो उसने अपहरण की बात स्वीकार कर ली।

फिल्मी अंदाज में रची गई थी साजिश
जांच में पता चला कि घटना से कुछ दिन पहले ही आरोपी राहुल ने मासूम को बहाने से साइकिल पर ले जाकर अपने दोस्तों से मिलवाया था। घटना वाले दिन भी राहुल ने बालक को भरोसे में लेकर अपने वाहन से पोल्ट्री फार्म बुलाया और फिर अपने साथियों को सौंप दिया। इसके बाद बच्चे को जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के करीआम इलाके के जंगल में छिपाकर रखा गया था। गिरफ्तार आरोपियों के पास से दो टेम्पो ट्रेक्स गाड़ियां (सीजी 11 बीएन 0720 और सीजी 11 बीएच 3441) बरामद की गई हैं।
तकनीकी जांच बनी गेमचेंजर: 100 सीसीटीवी और हजारों मोबाइल नंबरों की पड़ताल
जांच टीम ने घटना को सुलझाने के लिए लगभग 100 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली और हजारों मोबाइल नंबरों की तकनीकी पड़ताल की। पुलिस की इस तत्परता से आरोपी का पूरा षड्यंत्र सामने आ गया।
गिरफ्तार आरोपी
1. राहुल टंडन पिता शिवचरण टंडन, उम्र 25 वर्ष, निवासी लगरा थाना मुलमुला
2. प्रशांत कुमार मैना पिता अभिमन्यु मैना, उम्र 19 वर्ष, निवासी खपरी थाना मुलमुला
3. उमेश दिवाकर उर्फ ननकी पिता संतू दिवाकर, उम्र 19 वर्ष, निवासी खपरी थाना मुलमुला

ऑपरेशन में पुलिस का बेहतरीन तालमेल
इस पूरे अभियान में निरीक्षक पारस पटेल थाना प्रभारी मुलमुला, सउनि हेमलाल महिलगे, प्रमोद महार, प्रआर बलबीर सिंह, राजमणी द्विवेदी, आर राजेन्द्र राठौर एवं साइबर प्रभारी निरीक्षक सागर पाठक के साथ उनकी टीम के विवेक सिंह, मनोज तिग्गा, गिरिश कश्यप, श्रीकांत सिंह, प्रदीप दुबे, सहबाज खान, माखन साहू और रोहित कहरा का अहम योगदान रहा।
पुलिस की सतर्कता और साइबर टीम की तकनीकी दक्षता के कारण अपहरणकर्ताओं की खतरनाक योजना विफल हो गई और मासूम को सुरक्षित घर वापस लाया जा सका। यह घटना पुलिस की तेजी, तकनीक और टीमवर्क की बड़ी मिसाल है।




