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8 साल से मेडिकल कॉलेज में सेवा, अब मौखिक आदेश से बाहर, 40 संविदा कर्मचारी सड़क पर

रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में संविदा स्वीपरों का सेवावृद्धि रोक कर आउटसोर्सिंग को दी तवज्जो, नियमों की अनदेखी से नाराज़गी

8 साल से मेडिकल कॉलेज में सेवा, अब मौखिक आदेश से बाहर, 40 संविदा कर्मचारी सड़क पर

रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में संविदा स्वीपरों का सेवावृद्धि रोक कर आउटसोर्सिंग को दी तवज्जो, नियमों की अनदेखी से नाराज़गी

रायगढ़। मेडिकल कॉलेज रायगढ़ में कार्यरत 40 संविदा स्वीपरों को अचानक सेवा से हटा दिया गया, जिससे उनके सामने रोज़ी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। आरोप है कि बिना लिखित आदेश और बगैर किसी स्पष्ट कारण के इन कर्मचारियों को मौखिक रूप से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया, जबकि वे पिछले 8 वर्षों से ईमानदारी से ड्यूटी निभा रहे थे।

जानकारी के अनुसार, 19 जनवरी 2017 को जारी विज्ञापन के तहत नियमानुसार 40 पदों पर संविदा स्वीपर की भर्ती की गई थी। करीब 3 हजार आवेदकों में से चयनित इन कर्मचारियों की सेवा हर साल बढ़ाई जाती रही। मार्च 2025 में भी सेवा-वृद्धि की अपेक्षा थी, लेकिन नए डीन के कार्यभार संभालने के बाद से यह प्रक्रिया अटक गई।

कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने सेवा-वृद्धि के लिए कई बार आवेदन और निवेदन किया, पर कोई सुनवाई नहीं हुई। उल्टा, उन्हें मौखिक रूप से कार्यमुक्त कर दिया गया। जबकि अन्य संविदा पदों पर कार्यरत कर्मचारियों की सेवा-वृद्धि कर दी गई है, केवल स्वीपर पद पर यह रोक लगाई गई है।

संविदा कर्मियों ने बताया कि उनकी नियुक्ति संविदा नियुक्ति नियम 2012 के तहत हुई थी, जिसमें 60 वर्ष की आयु तक सेवा देने का प्रावधान है। मेडिकल कॉलेज में स्वीपर का नियमित पद ही नहीं है, ऐसे में उन्हें हटाना पूरी तरह नियमविरुद्ध है। उनका आरोप है कि कॉलेज प्रबंधन अब आउटसोर्सिंग के माध्यम से स्वीपर का कार्य करवा रहा है, जिससे सरकारी प्रक्रिया और चयनित कर्मियों की मेहनत पर पानी फिर गया है।

कर्मचारियों का कहना है कि वे अपने हक के लिए संघर्ष करेंगे और आवश्यकता पड़ी तो हाईकोर्ट का दरवाज़ा भी खटखटाएंगे।

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