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“दिव्यांगता जांच से भाग रहे उद्यान अधिकारियों पर गिरेगी निलंबन की गाज: हाईकोर्ट के आदेश पर सात दिन का अंतिम अल्टीमेटम”

पूजा पहारे सहित चार ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारियों को मेडिकल जांच के निर्देश, अनुपालन नहीं करने पर तत्काल निलंबन तय

“दिव्यांगता जांच से भाग रहे उद्यान अधिकारियों पर गिरेगी निलंबन की गाज: हाईकोर्ट के आदेश पर सात दिन का अंतिम अल्टीमेटम”

 

पूजा पहारे सहित चार ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारियों को मेडिकल जांच के निर्देश, अनुपालन नहीं करने पर तत्काल निलंबन तय

रायपुर। राज्य शासन के उद्यानिकी संचालनालय ने चार ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारियों पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए सात दिन के भीतर अनिवार्य दिव्यांगता जांच कराने का अंतिम नोटिस जारी किया है। यह कार्रवाई माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में चल रहे WPS 3472/2023 – संजय कुमार मरकाम बनाम छ.ग. शासन प्रकरण के आदेश के अनुपालन में की गई है।

जिन अधिकारियों पर गिरी गाज:

1. पूजा पहारे – ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी, जिला मुंगेली

2. जितेंद्र कोसले – ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी, जिला जगदलपुर

3. चंद्रशेखर साहू – ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी, जिला सक्ती

4. राहुल पाटले – ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी, जिला गरियाबंद

 

इन सभी को डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय, रायपुर के ओपीडी में विषय विशेषज्ञ से भौतिक मेडिकल जांच करानी है। जांच प्रतिवेदन की प्रति आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा तथा उद्यानिकी संचालनालय को मेल (dir.dme-cg@gov.in) व भौतिक रूप से भेजना अनिवार्य किया गया है।

पहले भी नहीं माने, अब अंतिम चेतावनी!

उक्त अधिकारियों को पहले भी 2 जुलाई 2025 को जेएनएम मेडिकल कॉलेज रायपुर में बोर्ड कक्ष में उपस्थित होकर जांच कराने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन सभी ने आदेश की अनदेखी की। अब संचालनालय ने अंतिम चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि यदि 7 दिनों में मेडिकल जांच नहीं कराई गई, तो निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।

हाईकोर्ट के आदेश का सीधा अनुपालन

यह पूरा मामला उच्च न्यायालय बिलासपुर के निर्देशों से जुड़ा है, जिसमें आदेशित किया गया था कि संजय कुमार मरकाम बनाम छत्तीसगढ़ शासन मामले में संलग्न अधिकारियों की दिव्यांगता की स्थिति स्पष्ट करने के लिए जांच आवश्यक है।

संचालनालय की ओर से स्पष्ट कहा गया है कि निर्देश की अवहेलना करने पर व्यक्तिगत उत्तरदायित्व तय करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

जिलों के कलेक्टरों को भी भेजा गया आदेश

सुनिश्चित अनुपालन के लिए सभी संबंधित जिलों के कलेक्टरों और उद्यानिकी विभाग प्रमुखों को आदेश की प्रतियां भेज दी गई हैं, ताकि संबंधित अधिकारियों को तुरंत निर्देशों की जानकारी दी जा सके और समयसीमा के भीतर जांच कराई जा सके।

अब क्या?

अब पूरे मामले में निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि ये चारों अधिकारी अगले सात दिनों के भीतर जांच कराते हैं या फिर निलंबन की कार्रवाई झेलते हैं। यह प्रकरण न केवल न्यायिक आदेश की अवहेलना से जुड़ा है बल्कि प्रशासनिक अनुशासन और जवाबदेही की भी अहम परीक्षा बन चुका है।

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