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झेरिया यादव समाज ने ‘रावत’ उपनामधारी यादवों को OBC सूची में शामिल करने की मांग तेज की

सीएम-राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी

झेरिया यादव समाज ने ‘रावत’ उपनामधारी यादवों को OBC सूची में शामिल करने की मांग तेज की

सीएम-राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी

 

जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ झेरिया यादव समाज ने ‘रावत’ उपनामधारी यादव वर्ग को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की सूची में शामिल करने की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है। समाज के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम जिला कलेक्टरों के माध्यम से ज्ञापन सौंपा है। इसमें कहा गया है कि ‘रावत’ उपनामधारी यादव वर्ग लंबे समय से सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा है, लेकिन आरक्षण सूची में शामिल न होने के कारण शिक्षा, रोजगार और सरकारी योजनाओं का लाभ उनसे छूट रहा है।

29 जुलाई की बैठक में बनी रणनीति

29 जुलाई 2025 को प्रदेश अध्यक्ष जगनीक यादव की अध्यक्षता में हुई अहम बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि जब तक ‘रावत’ उपनामधारी यादवों को OBC सूची में शामिल करने का आदेश नहीं आता, तब तक चरणबद्ध आंदोलन जारी रहेगा। बैठक में तीन सदस्यीय संयोजन समिति का गठन भी किया गया, जिसमें भगत सिंह यादव, राजू यादव और सुंदर लाल यादव को जिम्मेदारी सौंपी गई।

ज्ञापन में रखी गई मुख्य दलीलें

समाज ने अपने ज्ञापन में स्पष्ट किया है कि NCBC (राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग) के दिशा-निर्देशों के अनुसार राज्य से प्रस्ताव भेजे जाने के बाद ही केंद्र की सूची में नाम जोड़ा जा सकता है।

2010 में ‘अहिर/जादव/यादव/राउत’ को OBC में शामिल करने का प्रस्ताव स्वीकृत हुआ था, लेकिन ‘रावत’ उपनामधारी यादव वर्ग को यह लाभ नहीं मिला। समाज का कहना है कि केंद्र और राज्य दोनों स्तर पर आवश्यक कार्यवाही कर इस उपवर्ग को भी OBC सूची में स्थान दिलाया जाए।

पदाधिकारियों के बयान

प्रदेश अध्यक्ष जगनीक यादव ने कहा— “हमारी मांग पूरी तरह न्यायोचित है। समाज के लोग आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर हैं। सरकार तुरंत प्रस्ताव भेजकर हमें OBC सूची में शामिल करे।”

प्रदेश उपाध्यक्ष भगत सिंह यादव बोले— “हमारे युवाओं को शिक्षा और रोजगार में अवसर नहीं मिल रहे। यदि मांग जल्द पूरी नहीं हुई तो समाज सड़कों पर उतरेगा।”

प्रदेश सचिव सुंदर लाल यादव ने कहा— “हम चरणबद्ध तरीके से जिला से लेकर राजधानी तक ज्ञापन, धरना और रैली करेंगे। यह हमारी प्रतिष्ठा का सवाल है।”

अंतिम चेतावनी

समाज ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि मांग पूरी करने में देर हुई तो प्रदेशव्यापी आंदोलन होगा, जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी

 

OBC सूची में नाम जोड़ने की प्रक्रिया

1. राज्य स्तर की सिफारिश — संबंधित राज्य सरकार जाति को OBC में शामिल करने का प्रस्ताव तैयार करती है।

2. NCBC समीक्षा — राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग प्रस्ताव की जांच और सामाजिक-आर्थिक विश्लेषण करता है।

3. केंद्रीय मंजूरी — आयोग की अनुशंसा के बाद केंद्र सरकार अधिसूचना जारी कर सूची में नाम दर्ज करती है।

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