दिव्यांगजनों के हित में बड़ा फैसला, शिक्षा विभाग में 100 स्पेशल एजुकेटर की भर्ती को मंजूरी
कैबिनेट बैठक में दिव्यांग ऋण चुकाने और शिक्षकों की सीधी भर्ती का ऐतिहासिक निर्णय

दिव्यांगजनों के हित में बड़ा फैसला, शिक्षा विभाग में 100 स्पेशल एजुकेटर की भर्ती को मंजूरी
कैबिनेट बैठक में दिव्यांग ऋण चुकाने और शिक्षकों की सीधी भर्ती का ऐतिहासिक निर्णय
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक दिव्यांगजनों और शिक्षा व्यवस्था के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णयों के साथ ऐतिहासिक रही। बैठक में जहां दिव्यांगजनों को राहत देने के लिए करोड़ों की बकाया राशि चुकाने का फैसला लिया गया, वहीं बच्चों के विशेष शिक्षण के लिए 100 स्पेशल एजुकेटर की भर्ती की भी अनुमति प्रदान की गई।
दिव्यांगों के लिए 24.50 करोड़ की राहत
मंत्रिपरिषद ने दिव्यांगजनों के हित में एक बड़ा कदम बढ़ाते हुए राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम (NDFDC) की ₹24,50,05,457 (चौबीस करोड़ पचास लाख से अधिक) की बकाया ऋण राशि एकमुश्त चुकाने का निर्णय लिया।
यह राशि राज्य के दिव्यांगजनों को शिक्षा और स्वरोजगार के लिए न्यूनतम 3% ब्याज दर पर ऋण प्रदान करने में सहायक होगी। इससे भविष्य में दिव्यांगजनों को स्वरोजगार योजनाओं और शैक्षिक अवसरों का लाभ और सुगमता से मिलेगा।

विशेष बच्चों के लिए विशेष शिक्षक
बैठक में शिक्षा विभाग से जुड़ा एक ऐतिहासिक निर्णय भी हुआ। वित्त विभाग ने राज्य में 100 स्पेशल एजुकेटर की भर्ती को अनुमति दी है। इसके लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियम-2019 में एक बार के लिए शिथिलता बरतते हुए चयन परीक्षा की जगह सीधे मेरिट के आधार पर भर्ती का मार्ग प्रशस्त किया गया है। यह कदम उन दिव्यांग बच्चों के लिए वरदान साबित होगा, जिन्हें अब स्कूलों में उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप विशेष शिक्षा मिल सकेगी।
शासकीय सेवकों को राहत
कैबिनेट ने शासकीय सेवकों की आकस्मिक वित्तीय जरूरतों की पूर्ति के लिए भी बड़ा निर्णय लिया। अब कर्मचारियों को वेतन के विरुद्ध बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से अल्पावधि ऋण उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को मंजूरी दी गई है। वित्त विभाग को इस संबंध में अधिकृत किया गया है और एमओयू के प्रारूप को भी अनुमोदन मिल गया है।
प्रशासनिक स्तर पर बदलाव
बैठक के दौरान 1989 बैच के आईएएस अधिकारी एवं मुख्य सचिव अमिताभ जैन के सेवानिवृत्त होने पर उन्हें भावभीनी विदाई दी गई। साथ ही 1994 बैच के आईएएस अधिकारी विकास शील का नए मुख्य सचिव के रूप में स्वागत किया गया।
यह कैबिनेट बैठक दिव्यांगजनों और शिक्षा व्यवस्था के लिए नई दिशा तय करती है। जहां एक ओर दिव्यांग भाई-बहनों को वित्तीय राहत और सम्मानजनक अवसर मिलेंगे, वहीं दूसरी ओर राज्य के बच्चों को विशेष शिक्षण के लिए प्रशिक्षित शिक्षकों की सुविधा उपलब्ध होगी।




