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गेंदा की खेती से बदल रही किस्मत, मुंगेली के किसान दिलीप पटेल बने मिसाल

धान की खेती से मामूली आय, अब फूल और सब्जी उत्पादन से कमा रहे सालाना 8 लाख तक

गेंदा की खेती से बदल रही किस्मत, मुंगेली के किसान दिलीप पटेल बने मिसाल

धान की खेती से मामूली आय, अब फूल और सब्जी उत्पादन से कमा रहे सालाना 8 लाख तक

मुंगेली। मेहनत और नवाचार से खेती किसानी को भी एक नए मुकाम तक पहुँचाया जा सकता है, इसका जीता-जागता उदाहरण हैं जिले के नगर पालिका क्षेत्र मुंगेली के जवाहर वार्ड क्रमांक 11 निवासी किसान दिलीप पटेल, जो गेंदा की खेती कर हर साल 5 से 6 लाख रुपये तक की आय अर्जित कर रहे हैं।
श्री पटेल बताते हैं कि पहले वे सिर्फ धान की खेती करते थे, जिससे बहुत कम लाभ होता था और परिवार का भरण-पोषण करना कठिन हो गया था। लेकिन हिम्मत हारने के बजाय उन्होंने रास्ता बदला और करीब 3.5 एकड़ जमीन लीज पर लेकर रबी और खरीफ सीजन में सब्जी और फूलों की खेती शुरू की। नगर पालिका क्षेत्र होने की वजह से उनके उत्पादों की खपत आसानी से होने लगी।

उद्यान विभाग से मिला सहयोग

गेंदा और सब्जी की खेती में सफलता मिलने के बाद उद्यान विभाग ने भी उन्हें प्रोत्साहित किया। विभाग की योजनाओं के अंतर्गत ड्रिप सिस्टम और मल्चिंग शीट जैसी आधुनिक तकनीकें अनुदान पर उपलब्ध कराई गईं, जिनसे उनकी उत्पादन क्षमता और बढ़ गई।

आज वे 2 एकड़ जमीन पर गेंदा फूल की खेती कर प्रति एकड़ लगभग 3 लाख रुपये का शुद्ध लाभ कमा रहे हैं।

उत्पादन क्षमता: 60 क्विंटल प्रति एकड़
बाजार मूल्य: 60 रुपये प्रति किलो
लागत: 60,000 रुपये प्रति एकड़
शुद्ध लाभ: 3 लाख रुपये प्रति एकड़

इसके अलावा, उन्होंने 500 हेक्टेयर उन्नत प्रजाति की टमाटर की खेती भी शुरू की, जिससे प्रति वर्ष 2 से 3 लाख रुपये तक अतिरिक्त आय हो रही है।

राष्ट्रीय बागवानी मिशन बना वरदान

वर्ष 2025-26 के राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना अंतर्गत गेंदा क्षेत्र विस्तार के तहत श्री पटेल को लाभ मिल रहा है। उद्यान विभाग की टीम— सहायक संचालक उद्यान सुश्री भगवती साहू, उद्यान अधीक्षक बी. पी. सिंह और ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी शशिकांत साहू ने उनके खेत का निरीक्षण कर खेती को अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बताया।

किसानों के लिए प्रेरणा

दिलीप पटेल ने साबित किया है कि यदि किसान समय के साथ खेती में बदलाव करें और तकनीक अपनाएं तो वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकते हैं। उनकी सफलता ने जिले के अन्य किसानों को भी फूल और सब्जी की खेती की ओर प्रेरित किया है।

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