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कबीरधाम जिला अस्पताल में तैनात डॉक्टर पर दिव्यांग प्रमाणपत्र फर्जीवाड़े का गंभीर आरोप!

पशु शल्य चिकित्सक डॉ. मुकेश लाझिकर पर दिव्यांगता का फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर सरकारी नौकरी पाने का संदेह… शिकायतकर्ता ने मांगी राज्य मेडिकल बोर्ड से जांच… कार्रवाई की मांग तेज

कबीरधाम जिला अस्पताल में तैनात डॉक्टर पर दिव्यांग प्रमाणपत्र फर्जीवाड़े का गंभीर आरोप!

पशु शल्य चिकित्सक डॉ. मुकेश लाझिकर पर दिव्यांगता का फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर सरकारी नौकरी पाने का संदेह… शिकायतकर्ता ने मांगी राज्य मेडिकल बोर्ड से जांच… कार्रवाई की मांग तेज

कबीरधाम। कबीरधाम जिला अस्पताल में पदस्थ पशु शल्य चिकित्सक डॉ. मुकेश लाझिकर पर दिव्यांगता प्रमाणपत्र में फर्जीवाड़े का सनसनीखेज मामला सामने आया है। ग्राम नवागांव वैंकट, तहसील लोरमी, जिला मुंगेली निवासी शिकायतकर्ता नूतन सिंह ने कलेक्टर कबीरधाम, आयुक्त दिव्यांगजन सशक्तिकरण दुर्ग तथा संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं रायपुर को लिखित आवेदन देकर आरोप लगाया है कि डॉ. लाझिकर ने एक पैर से विकलांग होने का बहाना बनाकर दिव्यांग प्रमाणपत्र बनवाया और उसी के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल की।

शिकायत में दावा किया गया है कि संबंधित डॉक्टर चलने-फिरने में बिल्कुल सामान्य हैं और कार्यस्थल पर भी किसी तरह की शारीरिक अक्षमता स्पष्ट दिखाई नहीं देती। ऐसे में दिव्यांग प्रमाणपत्र की प्रामाणिकता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। शिकायतकर्ता ने मांग की है कि इस मामले की जांच राज्य स्तरीय मेडिकल बोर्ड से करवाई जाए और यदि प्रमाणपत्र फर्जी पाया जाता है तो नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

गंभीर सवाल यह भी है कि यदि यह आरोप सही निकलता है तो एक तरफ जहां वास्तविक दिव्यांगजन सरकारी नौकरी के लिए भटक रहे हैं, वहीं दूसरी ओर फर्जी प्रमाणपत्र बनाकर नियम-कानून को धता बताने वालों को सिस्टम से संरक्षण कैसे मिल रहा है?

सूत्रों के अनुसार मामला सामने आने के बाद अब विभागीय गलियारों में हलचल तेज हो गई है। शिकायत उच्च अधिकारियों तक पहुंच चुकी है और यदि जांच प्रारंभ होती है तो यह मामला बड़ा घोटाला बन सकता है।

फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र बनवाकर नौकरी हथियाने का यह मामला केवल एक व्यक्ति का नहीं बल्कि पूरे तंत्र की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करता है। अब देखना होगा कि कबीरधाम जिला प्रशासन और राज्य स्तर के अधिकारी इस गंभीर शिकायत पर कितनी तत्परता से कार्रवाई करते हैं।

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