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न्याय के बदले वसूली? नवागढ़ थाना प्रभारी पर संगीन आरोप, हटाने की मांग को लेकर एसपी को सौंपा ज्ञापन

थाना में सेटिंग, उगाही और लापरवाही के गंभीर आरोप!

न्याय के बदले वसूली? नवागढ़ थाना प्रभारी पर संगीन आरोप, हटाने की मांग को लेकर एसपी को सौंपा ज्ञापन

थाना में सेटिंग, उगाही और लापरवाही के गंभीर आरोप! नवागढ़ थाना प्रभारी पर भड़का जन आक्रोश

जांजगीर-चाम्पा : नवागढ़ थाना क्षेत्र के प्रभारी पारस पटेल पर भ्रष्टाचार, पक्षपात और आपराधिक तत्वों से सांठगांठ जैसे कई गंभीर आरोप लगे हैं। स्थानीय सामाजिक संगठनों एवं नागरिकों ने आरोप लगाया है कि थाना प्रभारी द्वारा न्यायिक प्रक्रियाओं की अनदेखी करते हुए ‘सेटिंग’ और आर्थिक लाभ के आधार पर मामलों का निपटारा किया जा रहा है। इस संबंध में भीम रेजिमेंट छत्तीसगढ़, प्रगतिशील सतनामी समाज तथा क्षेत्रीय नागरिकों ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर तीन दिनों के भीतर थाना प्रभारी को हटाने की मांग की है।

 

ताजा मामला: जबरन वसूली का आरोप

ज्ञापन के अनुसार, 26 मई 2025 को ग्राम पचरी के एक प्रकरण में दोनों पक्षों के बीच आपसी राजीनामा हो चुका था, इसके बावजूद थाना प्रभारी द्वारा एक पक्ष, जो कि सतनामी समाज से है, से ₹10,000 की अवैध वसूली की गई।

अन्य गंभीर प्रकरण भी उजागर

14 अप्रैल को बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर लगे बधाई बैनर को लेकर की गई शिकायत पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।

एक नाबालिग लड़की के अपहरण के मामले में 50 दिनों बाद भी थाना द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, उल्टा पीड़ित परिवार से लड़की को राज्य से बाहर से लाने के नाम पर ₹50,000 की मांग की गई।

थाने में आवेदन देने पर पहले ‘पैसे निकालो’ की मांग की जाती है, अन्यथा कार्रवाई नहीं होती।

स्थानीय स्तर पर शराब, जुआ और सट्टा जैसे अवैध धंधों में थाना प्रभारी की मिलीभगत से खुली उगाही चल रही है, जिससे क्षेत्र में अपराध दर लगातार बढ़ रही है।

जन आक्रोश और आंदोलन की चेतावनी

इन सभी आरोपों से नवागढ़ क्षेत्र में रोष व्याप्त है। ज्ञापन सौंपने वालों ने स्पष्ट रूप से चेताया है कि यदि तीन दिनों के भीतर थाना प्रभारी पारस पटेल को हटाकर उनके विरुद्ध जांच एवं उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में

अब तक प्रशासन की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है, जिससे क्षेत्रीय जनता में असंतोष और गहरा गया है। लोगों की मांग है कि पुलिस व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।

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