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शिमला में चमकी जांजगीर-चांपा की प्रतिभा, 11 बच्चों ने बटोरी तालियां

शिमला में जीते कई पुरस्कार, अंतरराष्ट्रीय मंच पर शानदार प्रदर्शन

शिमला में चमकी जांजगीर-चांपा की प्रतिभा, 11 बच्चों ने बटोरी तालियां

शिमला में जीते कई पुरस्कार, अंतरराष्ट्रीय मंच पर शानदार प्रदर्शन

 

जांजगीर-चाम्पा| स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इंटरनेशनल कल्चरल हारमनी कार्यक्रम में जांजगीर-चांपा के 11 बच्चों ने अपनी नृत्य और संगीत प्रतिभा का अद्भुत प्रदर्शन किया। शिमला के ऐतिहासिक कालीबाड़ी हॉल में आयोजित इस पांच दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव में भारत के विभिन्न राज्यों से आए लगभग 1500 कलाकारों ने हिस्सा लिया।

नूपुर नृत्य संस्था के विद्यार्थियों ने इस मंच पर कथक, सेमी-क्लासिकल और छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। गुरु सुभाष चंद्र यादव के निर्देशन में तैयार इन प्रतिभाशाली कलाकारों ने कई पुरस्कार अपने नाम किए।

कथक नृत्य में शानदार सफलता:

पायल यादव, मुदिता नारायण, मन्नत अग्रवाल और विनय यादव को प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ।

अनन्या तिवारी, श्रेयशी शर्मा, राधिका, अदिति पटनायक और अनमोल स्वर्णकार को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ।

अन्य विधाओं में भी प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा:

सेमी क्लासिकल नृत्य में श्रेया शर्मा को द्वितीय पुरस्कार मिला।

तबला वादन में शुभ सिंह को पुरस्कार प्राप्त हुआ।

छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य में आयुषी मानिकपुरी ने प्रथम पुरस्कार जीता।

इस अंतरराष्ट्रीय मंच पर जांजगीर-चांपा के बच्चों ने न केवल अपनी कला का प्रदर्शन किया बल्कि छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी पूरे देश के समक्ष गौरव के साथ प्रस्तुत किया। उनके इस प्रदर्शन को देखकर दर्शकगण भावविभोर हो गए और मंच तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

 

सम्मान और गौरव का क्षण

इस कार्यक्रम में भागीदारी और सफलता ने न सिर्फ इन विद्यार्थियों बल्कि पूरे जिले को गौरवान्वित किया है। नूपुर नृत्य संस्था और गुरु सुभाष चंद्र यादव की मेहनत और समर्पण का यह प्रतिफल आने वाले समय में और भी प्रेरणादायक साबित होगा।

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