कलेक्टर महोबे ने युक्तियुक्तकरण पर दी जानकारी, बोले – शिक्षा की गुणवत्ता में होगा सुधार
जहां जरूरत, वहां शिक्षक – युक्तियुक्तकरण से शिक्षा होगी समावेशी और संतुलित

कलेक्टर महोबे ने युक्तियुक्तकरण पर दी जानकारी, बोले – शिक्षा की गुणवत्ता में होगा सुधार
जहां जरूरत, वहां शिक्षक – युक्तियुक्तकरण से शिक्षा होगी समावेशी और संतुलित: कलेक्टर जन्मेजय महोबे
जांजगीर-चांपा : जिले के कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित एक प्रेसवार्ता में शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण पर विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ गोकुल रावटे, अपर कलेक्टर ज्ञानेन्द्र सिंह ठाकुर, एसडीएम जांजगीर सुब्रत प्रधान, जिला शिक्षा अधिकारी अश्वनी भारद्वाज, जनसंपर्क विभाग के अधिकारीगण और विभिन्न मीडिया संस्थानों के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
कलेक्टर महोबे ने स्पष्ट किया कि युक्तियुक्तकरण का उद्देश्य किसी प्रकार की कटौती नहीं, बल्कि शिक्षा व्यवस्था को बेहतर, सुलभ और समान अवसरों से परिपूर्ण बनाना है। उन्होंने बताया कि नगरीय क्षेत्रों में अपेक्षा से अधिक शिक्षक पदस्थ हैं, जबकि ग्रामीण व दूरस्थ अंचलों में शिक्षकों की भारी कमी है, जिससे शैक्षणिक गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।
“हमारा लक्ष्य है कि जहां छात्रों की संख्या अधिक है, वहां पर्याप्त शिक्षक हों और सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले,” – कलेक्टर जन्मेजय महोबे।
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि बलौदा विकासखंड के बालपुर प्राथमिक शाला में 109 छात्राओं पर मात्र 1 शिक्षक कार्यरत था, जिसे अब युक्तियुक्तकरण के तहत 1 प्रधान पाठक और 3 शिक्षकों से सुसज्जित किया गया है। इसी प्रकार पामगढ़ के डुड़गा शाला में 129 बच्चों पर केवल 1 प्रधान पाठक था, जिसे अब 4 शिक्षक मिलेंगे।
दूसरी ओर, पिसौद शाला में 84 बच्चों के लिए 10 शिक्षक कार्यरत थे, जो कि शिक्षक संसाधन की अनुचितता को दर्शाता है। अब इन अतिशेष शिक्षकों का समायोजन करके उन्हें जरूरतमंद विद्यालयों में भेजा जा रहा है।
कलेक्टर ने बताया कि जिले में 1 शिक्षकविहीन और 67 एकल शिक्षकीय शालाएं हैं। प्राथमिक स्तर पर 434 और पूर्व माध्यमिक स्तर पर 196 शिक्षक अतिशेष हैं, जिनका पुनर्समायोजन किया जा रहा है। पूरे राज्य में केवल 241 स्कूलों का समायोजन हो रहा है, जबकि जांजगीर-चांपा जिले में मात्र 22 शालाएं समाहित की जा रही हैं। शेष 1317 शालाएं यथावत संचालित रहेंगी।
शिक्षा की गुणवत्ता और संसाधनों का न्यायपूर्ण वितरण ही युक्तियुक्तकरण का मूल उद्देश्य है। एक ही परिसर में स्कूलों को समाहित कर ‘क्लस्टर मॉडल’ विकसित किया जा रहा है, जिससे आधारभूत सुविधाएं जैसे लैब, लाइब्रेरी और अच्छी इमारतें एक ही स्थान पर उपलब्ध कराना संभव होगा।
कलेक्टर महोबे ने बताया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप यह प्रक्रिया संचालित हो रही है। इससे बच्चों के ड्रॉपआउट दर में कमी आएगी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का सपना साकार होगा।
प्रमुख बातें
जिले में 434 प्राथमिक और 196 पूर्व माध्यमिक शिक्षक अतिशेष
67 एकल शिक्षकीय और 1 शिक्षकविहीन शाला में पुनर्समायोजन
जिले में 1339 स्कूलों में से 1317 यथावत, केवल 22 स्कूलों का समायोजन
क्लस्टर मॉडल से बेहतर आधारभूत सुविधाएं एक ही स्थान पर
शिक्षा व्यवस्था में संतुलन और समावेशिता लाना है मुख्य लक्ष्य