शिक्षकों को ‘अर्बन नक्सली’ कहने वाले पर एफआईआर की मांग
"राष्ट्र निर्माता नहीं, अर्बन नक्सली?"— शिक्षक मंच का तीखा विरोध, भाजपा नेता पर कड़ी कार्यवाही की मांग

शिक्षकों को ‘अर्बन नक्सली’ कहने वाले पर एफआईआर की मांग
“राष्ट्र निर्माता नहीं, अर्बन नक्सली?”— शिक्षक मंच का तीखा विरोध, भाजपा नेता पर कड़ी कार्यवाही की मांग
धमतरी : शिक्षक साझा मंच छत्तीसगढ़ के जिला धमतरी इकाई ने भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय नेता खूबलाल ध्रुव के उस बयान पर तीखा विरोध जताया है, जिसमें उन्होंने शिक्षकों को ‘अर्बन नक्सली’ कह डाला। मंच के पदाधिकारियों ने इस बयान को अत्यंत आपत्तिजनक, अमर्यादित एवं राष्ट्र निर्माण में जुटे शिक्षकों के स्वाभिमान पर सीधा आघात बताया।
मंच ने दोषी नेता के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही की मांग करते हुए एफआईआर दर्ज कर जेल भेजने और भाजपा से तत्काल निष्कासन की मांग की है। इस संदर्भ में धमतरी के महापौर एवं भाजपा प्रदेश महामंत्री रामू रोहरा तथा जिला अध्यक्ष प्रकाश बैस को ज्ञापन सौंपा गया है।
शिक्षक मंच के प्रदेश संचालक केदार जैन, वीरेंद्र दुबे, विकास राजपूत एवं जाकेश साहू ने बताया कि भाजपा नेतृत्व ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इसके साथ ही मंच के प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक धमतरी को भी ज्ञापन सौंपा।
शिक्षकों की छवि को ठेस पहुँचाने वाला बयान, शिक्षक समाज आक्रोशित
धमतरी जिला शिक्षक मंच के सदस्यों ने एक स्वर में इस बयान की निंदा करते हुए कहा कि राष्ट्र निर्माण में जीवन खपाने वाले शिक्षकों को इस प्रकार अर्बन नक्सली बताना न केवल अपमानजनक है, बल्कि उनकी देशभक्ति, मर्यादा एवं पेशागत गरिमा पर सीधा प्रहार है।
शिक्षक नेताओं ने कहा कि राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते शिक्षकों को निशाना बनाना अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो प्रदेशव्यापी आंदोलन होगा।
शिक्षकों की एकजुटता का प्रदर्शन
इस विरोध में शामिल प्रमुख पदाधिकारियों में डॉ. भूषण लाल चंद्राकर, अमित महोबे, दिनेश पांडे, दौलत राम ध्रुव, ममता खालसा, सविता छाटा, डॉ. आशीष नायक, कैलाश प्रसाद साहू, परविंदर कौर गिल, तुनेश्वरी साहू, हितेश साहू, शोभा गुप्ता समेत दर्जनों शिक्षक उपस्थित रहे।
ब्लॉक संचालक गेवाराम नेम, उपसंचालक हरीश साहू, दीपक सहारे, देवेंद्र भारद्वाज, केपी साहू, दीपेंद्र साहू, कांति भारद्वाज, दुलारी गंजीर, चंद्रहास सिन्हा, गौतम पोटाई, टीकम ध्रुव सहित अनेक शिक्षक नेताओं ने इस विरोध में सहभागिता की।
शिक्षक साझा मंच ने साफ कर दिया है कि यदि शिक्षकों की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाले बयान पर त्वरित कार्रवाई नहीं होती, तो यह मामला केवल स्थानीय विरोध तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे प्रदेश में उबाल ला सकता है। अब निगाहें भाजपा नेतृत्व और प्रशासन पर टिकी हैं कि वे इस संवेदनशील मामले में कितनी तत्परता दिखाते हैं।