‘कागजों में कार्यमुक्त, ज़मीन पर अब भी तैनात!’
कुर्सी से चिपके व्याख्याता ने खोल दी शिक्षा विभाग की कार्यशैली की पोल

‘कागजों में कार्यमुक्त, ज़मीन पर अब भी तैनात!’
कुर्सी से चिपके व्याख्याता ने खोल दी शिक्षा विभाग की कार्यशैली की पोल
जांजगीर-चांपा। शासन के आदेश और कार्यालयीन कार्यमुक्ति के बावजूद जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय जांजगीर में एक व्याख्याता का कुर्सी प्रेम खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। शिक्षा का अधिकार (RTE) शाखा से 8 जून 2025 को विधिवत कार्यमुक्त किए गए व्याख्याता दिनेश कुमार राठौर, आदेश के दुसरे दिन भी कार्यालय में जमे हुए हैं। इस रवैये से न केवल सरकारी आदेशों की अवहेलना हो रही है, बल्कि जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, व्याख्याता दिनेश कुमार राठौर शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला धुरकोट में गणित विषय के शिक्षक के रूप में पदस्थ हैं। उन्हें लंबे समय से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में संलग्न किया गया था, जिससे उनके मूल विद्यालय में गणित जैसे महत्वपूर्ण विषय की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। इस पर भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) नगर मंडल जांजगीर-नैला के महामंत्री सोनू यादव ने 6 जून 2025 को कलेक्टर को पत्र लिखकर राठौर की वापसी की मांग की थी।
इस पत्र के बाद जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने 8 जून को आदेश जारी करते हुए राठौर को आरटीई शाखा के नोडल पद से कार्यमुक्त कर मूल शाला में लौटने का निर्देश दिया। लेकिन हैरानी की बात यह है कि 9 जून को भी राठौर पूरे दिन जिला शिक्षा कार्यालय में कुर्सी पर बैठे नजर आए।
भाजयुमो महामंत्री सोनू यादव का आरोप है कि व्याख्याता को सिर्फ औपचारिकता के तहत कार्यमुक्त किया गया है, जबकि असल में उन्हें अब भी कार्यालय में विभागीय कार्य सौंपा जा रहा है। यह सीधे तौर पर शासनादेश का उल्लंघन और प्रशासन की निष्क्रियता का संकेत है। यादव ने शासन-प्रशासन से तत्काल संज्ञान लेकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या जिला प्रशासन केवल आदेश जारी कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो जाएगा या ज़मीनी स्तर पर भी कार्रवाई सुनिश्चित करेगा?