छत्तीसगढ़राज्य

“साझा मंच का बड़ा खुलासा: 33 जिलों में भ्रष्ट अधिकारियों की पोल खोल, FIR और जेल की मांग”

शिक्षक सड़कों पर, 33 जिलों में एक साथ विरोध प्रदर्शन"

“साझा मंच का बड़ा खुलासा: 33 जिलों में भ्रष्ट अधिकारियों की पोल खोल, FIR और जेल की मांग”

शिक्षक सड़कों पर, 33 जिलों में एक साथ विरोध प्रदर्शन”

रायपुर : छत्तीसगढ़ में युक्तिकरण प्रक्रिया में हुए भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और प्रशासनिक मनमानी के खिलाफ प्रदेशभर के शिक्षक आज सड़कों पर उतर आए। शिक्षक साझा मंच के नेतृत्व में प्रदेश के सभी 33 जिला मुख्यालयों में एक साथ विरोध प्रदर्शन किया गया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया।

प्रदेश संचालक जाकेश साहू ने बताया कि युक्तिकरण में भारी अनियमितताएं सामने आई हैं, जिसमें डीईओ (जिला शिक्षा अधिकारी) और बीईओ (ब्लॉक शिक्षा अधिकारी) स्तर के कई अधिकारी शामिल हैं। मंच ने इन सभी अधिकारियों को बर्खास्त कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जेल भेजने की मांग की है।

साझा मंच के 23 प्रदेश संचालकों ने बलरामपुर से सुकमा और राजनांदगांव से महासमुंद तक सभी जिलों में रैली निकाली और दस्तावेजी साक्ष्यों के साथ भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ किया। रैलियों में राज्य सरकार और प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई।

जिलावार प्रमुख गतिविधियां

कोंडागांव (बस्तर संभाग): प्रदेश संचालक केदार जैन ने “बस्तर टाइगर” की शैली में अधिकारियों की निंदा करते हुए युक्तिकरण को तुरंत रद्द कर 2008 का सेटअप बहाल करने की मांग की।

बिलासपुर: मनीष मिश्रा, संजय शर्मा और भूपेंद्र बनाफर के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा गया।

रायपुर: वीरेंद्र दुबे और राजनारायण द्विवेदी ने शिक्षकों के साथ मिलकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपा।

दुर्ग: विकास राजपूत, धर्मदास बंजारे और विष्णु प्रसाद साहू के नेतृत्व में शिक्षक राजेंद्र पार्क में एकत्रित हुए और सभी पीड़ित शिक्षकों की समस्याएं सुनकर आवेदन लिए गए। बाद में ज्ञापन सौंपा गया।

कोरबा, कवर्धा, सारंगढ़, मोहला, बलौदाबाजार: गिरीश केशकर, कमलदास मूरचले, लैलूंन कुमार भरद्वाज, शंकर साहू, विक्रम राय, चेतन बघेल, एवं प्रदीप पांडे, भूपेंद्र गिलहरे, अनिल टोप्पो जैसे प्रदेश स्तरीय नेताओं ने अलग-अलग जिलों में विरोध रैली का नेतृत्व किया।

मुख्य माँगें

1. युक्तिकरण प्रक्रिया में हुए भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच

2. दोषी डीईओ और बीईओ अधिकारियों की बर्खास्तगी व गिरफ्तारी

3. युक्तिकरण आदेश को रद्द कर 2008 का मूल सेटअप बहाल किया जाए

4. मानसिक प्रताड़ना झेल चुके शिक्षकों को न्याय और पुनर्वास

प्रदेशभर में एक साथ हुए इस अभूतपूर्व विरोध प्रदर्शन ने छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार की जड़ें उजागर कर दी हैं। अब गेंद राज्य सरकार के पाले में है — देखना होगा कि वह शिक्षकों की इस आवाज़ को गंभीरता से सुनती है या फिर आंदोलन और तेज़ होगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!