अनदेखी करता रहा समाज, पर एक इंसान बन गया ‘फरिश्ता’ – मनोज अग्रवाल की तत्परता से बची जान
इंसानियत आज भी जिंदा है…

अनदेखी करता रहा समाज, पर एक इंसान बन गया ‘फरिश्ता’, मनोज अग्रवाल की तत्परता से बची जान
इंसानियत आज भी जिंदा है…
जांजगीर-चांपा। शहर के कलेक्टर रोड पर बीती रात एक दर्दनाक हादसा उस समय हुआ जब एक व्यक्ति अपनी अर्द्धांगिनी के साथ चांपा की ओर मोटरसाइकिल से जा रहा था। तिराहे के पहले सड़क के बीच खड़ी एक गाय से टकराकर वह बुरी तरह घायल हो गया। दुर्घटना के बाद वह व्यक्ति सड़क पर लहूलुहान अवस्था में पड़ा रहा, लेकिन कई राहगीरों ने अनदेखी करते हुए उसे मदद पहुंचाने के बजाय सिर्फ देखा और निकलते गए।
इस बीच कुछ लोगों ने एंबुलेंस को कॉल जरूर किया, लेकिन उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए कोई आगे नहीं आया। तभी दुकान से लौट रहे मनोज अग्रवाल, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स जांजगीर नैला, मौके पर पहुंचे और इंसानियत की मिसाल पेश की। उन्होंने बिना समय गंवाए घायल युवक को अपनी इनोवा कार में लिटाया और तुरंत उपचार के लिए अस्पताल लेकर निकले।
मनोज अग्रवाल ने बताया कि हादसे की गंभीरता को देखकर उन्होंने तुरंत पहल की। बाद में उन्हें पता चला कि घायल व्यक्ति की पत्नी भी साथ में थीं, जिन्हें उन्होंने भी साथ लिया और एनकेएच हॉस्पिटल चांपा में भर्ती कराया। बाद में दोनों को जिला चिकित्सालय ले जाया गया, जहां युवक के आंख के ऊपर टांका लगाया गया और अन्य आवश्यक इलाज किया गया।
पीड़ित की हालत अब स्थिर बताई जा रही है। उसकी पत्नी भी सुरक्षित हैं। मोटरसाइकिल वहीं दुर्घटनास्थल पर सुरक्षित खड़ी रही।
मनोज अग्रवाल ने कहा, – “इंसानियत के लिए हमें हमेशा आगे आना चाहिए। पीड़ित चाहे कोई भी हो, समय पर मदद करना हमारी जिम्मेदारी है। मैं कोई बड़ा काम नहीं किया, सिर्फ वही किया जो एक इंसान को करना चाहिए।”
उनकी इस निस्वार्थ और मानवीय पहल ने एक बार फिर साबित कर दिया कि इंसानियत अभी भी जिंदा है और ज़रूरत सिर्फ संवेदनशीलता और तत्परता की है।
ऐसे उदाहरण समाज को प्रेरणा देते हैं। यह खबर ना सिर्फ एक दुर्घटना का ब्यौरा है, बल्कि यह संदेश भी है कि अगर एक व्यक्ति भी जागरूक हो जाए, तो कई जिंदगियां बच सकती हैं।