बिर्रा आर आई और कपिस्दा हल्का पटवारी पर 90 वर्षीय वृद्धा ने रिश्वत मांगने का लगाया गंभीर आरोप,
कहा - सीमांकन आदेश के बावजूद ₹7,000 रिश्वत मांगी, काम अधूरा छोड़ा, 90 वर्षीय वृद्धा ने मांगा न्याय

बिर्रा आर आई और कपिस्दा हल्का पटवारी पर 90 वर्षीय वृद्धा ने रिश्वत मांगने का लगाया गंभीर आरोप,
कहा – सीमांकन आदेश के बावजूद ₹7,000 रिश्वत मांगी, काम अधूरा छोड़ा, 90 वर्षीय वृद्धा ने मांगा न्याय
जांजगीर-चांपा। जिले की बम्हनीडीह तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत कपिस्दा की 90 वर्षीय वृद्धा श्रीमती गनेशी बाई मनहर, पति स्व. रूपसाय मनहर ने एक गंभीर शिकायत जिला कलेक्टर से करते हुए बिर्रा के राजस्व निरीक्षक (RI) मुज़ीब खान और हल्का पटवारी श्रीमती एकता देवांगन पर भ्रष्टाचार और प्रशासनिक आदेशों की अवहेलना का आरोप लगाया है।
वृद्धा ने दिनांक 13 जून 2025 को शिकायत पत्र प्रस्तुत कर बताया कि उन्होंने अपनी भूमि खसरा नंबर 971 (0.08 एकड़) और 1108 (0.31 एकड़) का सीमांकन करवाने के लिए वैधानिक प्रक्रिया के तहत आवेदन दिया था। 14 फरवरी 2022 को सीमांकन का आदेश पारित हुआ था, फिर भी सीमांकन नहीं किया गया। इसके बाद उन्होंने “सुशासन तिहार” कार्यक्रम में पुनः आवेदन किया, तब जाकर 24 अप्रैल 2025 को सीमांकन के लिए तिथि निर्धारित की गई।
गनेशी बाई के अनुसार, पटवारी और RI मौके पर पहुंचे और केवल एक खसरा (971) का सीमांकन किया। इसके बाद उन्होंने ₹7,000 खर्चा-पानी के नाम पर रिश्वत की मांग की। वृद्धा के मना करने पर दूसरा खसरा (1108) सीमांकित नहीं किया गया और झूठे दस्तावेज बनाकर सिग्नेचर ले लिए गए। पूछने पर पटवारी का जवाब था, “RI के बिना मैं सीमांकन नहीं करूंगी” और खुलेआम धमकी देते हुए कहा गया — “बिना पैसे के कुछ नहीं होता, शिकायत करनी है तो कर लो।”
भ्रष्टाचार का यह कोई पहला मामला नहीं
श्रीमती गनेशी बाई ने शिकायत में यह भी बताया कि यह पहली बार नहीं है, जब कपिस्दा हल्का पटवारी श्रीमती एकता देवांगन पर इस प्रकार के गंभीर आरोप लगे हों। दिनांक 14 मई 2025 को भी श्रीमती यशोदा बाई कुर्रे, पति भोलाराम कुर्रे निवासी कपिस्दा, ने भी ₹10,000 रिश्वत मांगने की शिकायत जिला कलेक्टर से की थी।
उनका कहना था कि भूमि संबंधी काम को पटवारी बार-बार टालती रहीं और 23 अप्रैल को जब यशोदा बाई उनसे मिलीं, तो उन्होंने ₹10,000 खर्चा-पानी के नाम पर मांगा। मना करने पर दस्तावेज देने से इनकार किया और मौखिक बदसलूकी भी की गई। उनका खेत की पर्ची जानबूझकर किसी अन्य को दे दी गई।
90 वर्षीय वृद्धा की मांगें:
1. आरआई और पटवारी पर अनुशासनात्मक कार्यवाही हो।
2. सीमांकन आदेश का पालन तत्काल हो।
3. रिश्वत मांगने पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज हो।
4. पूर्व की शिकायतों पर लटक रही जांच को तत्काल निष्पादित किया जाए।
प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में
वृद्धा के अनुसार, अधिकारीगणों की ‘पहुँच’ के चलते अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यदि इसी तरह शिकायतें अनसुनी होती रहीं, तो ग्रामीणों में शासन-प्रशासन के प्रति विश्वास कमजोर होता जाएगा।
अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन 90 वर्षीय वृद्धा की न्याय की पुकार को गंभीरता से लेता है या फिर यह मामला भी अन्य शिकायतों की तरह ‘फाइलों में दब’ कर रह जाएगा।