खस्ताहाल सड़क पर फूटा ग्रामीणों का गुस्सा, चक्का जाम में विधायक भी उतरे साथ
खोखसा-पीथमपुर सड़क की बदहाली से उबल पड़ा जनआक्रोश

खस्ताहाल सड़क पर फूटा ग्रामीणों का गुस्सा, चक्का जाम में विधायक भी उतरे साथ
खोखसा-पीथमपुर सड़क की बदहाली से उबल पड़ा जनआक्रोश
जांजगीर-चांपा। खोखसा-पीथमपुर मुख्य मार्ग की बदहाल स्थिति के खिलाफ ग्राम जर्वे समेत आसपास के गांवों के ग्रामीणों का सब्र अब टूट चुका है। सोमवार को सैकड़ों ग्रामीणों ने मुख्य मार्ग पर चक्का जाम कर दिया और “मरम्मत नहीं तो आंदोलन जारी रहेगा” का ऐलान किया। खास बात यह रही कि ग्रामीणों के साथ क्षेत्रीय विधायक ब्यास कश्यप भी इस आंदोलन में शामिल हुए और खुद भी सड़क पर बैठ गए।
तीसरी बार सड़कों पर ग्रामीण… वादे हवा हो गए!
ग्रामीणों ने बताया कि बीते एक साल में यह तीसरा बड़ा आंदोलन है। हर बार प्रशासन ने लिखित आश्वासन दिया, लेकिन नतीजा—’सड़क वहीं की वहीं’। आए दिन हो रहे हादसों और जनजनों की परेशानी को नजरअंदाज किया जा रहा है।
सरपंचों का समर्थन, जनता की हुंकार
जर्वे सहित आसपास के ग्रामों के कई जनप्रतिनिधि, सरपंच और सामाजिक कार्यकर्ता भी इस आंदोलन का हिस्सा बने। प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए दोषियों की जवाबदेही तय करने की मांग की।
विधायक का सड़क पर धरना, बयान में तीखापन
धरना स्थल पर मौजूद विधायक व्यास कश्यप ने ऐलान किया कि – “ग्रामीणों की मांग पूरी तरह जायज़ है। जब तक मरम्मत की स्पष्ट तिथि नहीं दी जाएगी, मैं खुद इस धरने से नहीं उठूंगा।”
प्रशासन की समझाइश बेअसर, पुलिस बल तैनात
घटना स्थल पर प्रशासनिक अधिकारी और भारी पुलिस बल मौजूद रहा। अधिकारियों द्वारा आंदोलन खत्म करने की अपील की गई, लेकिन ग्रामीण लिखित तिथि और कार्य शुरू करने की गारंटी के बिना टस से मस नहीं हुए।
जनता का सीधा सवाल: हादसों का जिम्मेदार कौन?
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इस मार्ग की दुर्दशा के कारण वाहन पलटना, स्कूली बच्चों का गिरना और मरीजों को अस्पताल ले जाने में घंटों लगना आम बात हो गई है। लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने आज तक क्षेत्र का दौरा तक नहीं किया।
यह आंदोलन अब सिर्फ सड़क नहीं, जनप्रतिनिधित्व, प्रशासनिक जवाबदेही और जनता के धैर्य की परीक्षा बन चुका है। देखना होगा कि क्या इस बार सिर्फ वादा मिलेगा या सड़क की मरम्मत की हकीकत भी ज़मीन पर उतरेगी।