“जिले से बाहर भेजे 110 शिक्षक, 81 पद खाली! युक्तियुक्तकरण पर विधायक की करारी चोट”
"18 उद्योगों पर ₹853 करोड़ जलकर बकाया, युक्तियुक्तकरण पर भी विधायक के सवालों से हिली सरकार"

“जिले से बाहर भेजे 110 शिक्षक, 81 पद खाली! युक्तियुक्तकरण पर विधायक की करारी चोट”
“18 उद्योगों पर ₹853 करोड़ जलकर बकाया, युक्तियुक्तकरण पर भी विधायक के सवालों से हिली सरकार”
जांजगीर-चांपा। विधानसभा के मानसून सत्र के पहले ही दिन जांजगीर-चांपा विधायक ब्यास कश्यप ने प्रदेश सरकार को युक्तियुक्तकरण और जलकर बकाया जैसे संवेदनशील मुद्दों पर घेरने की कोशिश की।
विधायक कश्यप ने प्रश्नकाल में मुख्यमंत्री से सीधा सवाल किया
क्या प्रदेश में 2008 का शिक्षक सेटअप लागू है और क्या युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में इसका पालन किया गया है? उन्होंने जानना चाहा कि इस प्रक्रिया में किन नियमों व निर्देशों का अनुपालन हुआ और जांजगीर-चांपा जिले में वर्तमान में पूर्व माध्यमिक शालाओं में कितने स्कूलों में 1+3 और 1+2 शिक्षक पदस्थ हैं?
इसके साथ ही उन्होंने यह भी जानना चाहा कि
युक्तियुक्तकरण के बाद जिले में अभी कितने पद रिक्त हैं?
कितने शिक्षकों को जिले से बाहर भेजना पड़ा?
क्या विषय बाध्यता खत्म करने के लिए कोई राजपत्र संशोधन हुआ और यदि हां, तो क्या उसका पालन किया गया?
सरकारी जवाब में सामने आया बड़ा खुलासा
सरकार ने जवाब में माना कि वर्तमान में 2008 का शिक्षक सेटअप लागू है। युक्तियुक्तकरण नई शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुरूप किया गया है। जिले में अब भी 81 पद खाली हैं और 110 शिक्षकों को जिले से बाहर स्थानांतरित किया गया है।
कश्यप के सवालों से स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को लेकर जमीनी स्तर पर कई तरह की असंतोषजनक स्थितियां बनी हुई हैं।
जलकर बकाया पर भी सख्त सवाल
विधायक ब्यास कश्यप ने जल संसाधन मंत्री से भी तीखा सवाल करते हुए मांग की कि वर्ष 2022 से 2025 तक उद्योगों को जल प्रदाय के एवज में प्राप्त जलकर राजस्व की वर्षवार जानकारी दी जाए। साथ ही बकायादार औद्योगिक संस्थानों के नाम व उनकी मूल देनदारी सार्वजनिक करने की मांग की।
सरकारी जवाब में आश्चर्यजनक आंकड़ा सामने आया
जिले के 18 उद्योगों पर कुल ₹853.98 करोड़ जलकर बकाया है। सवाल उठता है कि जब आम उपभोक्ताओं से बकाया वसूली के लिए सख्ती की जाती है, तो करोड़ों का बकाया रखने वाले उद्योगों पर क्या कार्रवाई हुई?
विधायक ब्यास कश्यप ने युक्तियुक्तकरण और जल राजस्व जैसे दो अहम मुद्दों को विधानसभा के पहले ही दिन पुरजोर तरीके से उठाकर सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। सवालों के जवाब में जहां एक ओर शिक्षक स्थानांतरण में असंतुलन की बात उजागर हुई, वहीं उद्योगों पर भारी जलकर बकाया ने प्रशासनिक उदासीनता की पोल खोल दी।
अब देखना यह है कि विपक्ष द्वारा उठाए गए इन मुद्दों पर सरकार क्या ठोस कार्रवाई करती है या फिर जवाबों की आड़ में जिम्मेदारी टाली जाती है।