‘कुशल युवा ही सक्षम शिक्षक’—विश्व युवा कौशल दिवस पर डाइट छात्राध्यापकों ने लिया 12 में से 10 कौशल हासिल करने का संकल्प
डाइट जांजगीर के छात्राध्यापकों ने थामा कौशल का दामन, बनाए बहुआयामी शिक्षक बनने का लक्ष्य

‘कुशल युवा ही सक्षम शिक्षक’—विश्व युवा कौशल दिवस पर डाइट छात्राध्यापकों ने लिया 12 में से 10 कौशल हासिल करने का संकल्प
डाइट जांजगीर के छात्राध्यापकों ने थामा कौशल का दामन, बनाए बहुआयामी शिक्षक बनने का लक्ष्य
जांजगीर-चांपा। विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) जांजगीर में अध्ययनरत द्वितीय वर्ष के छात्राध्यापकों ने एक प्रेरणादायक पहल करते हुए बहुआयामी कौशल विकास की दिशा में कदम बढ़ाया। इस अवसर पर छात्राध्यापकों ने शिक्षकों द्वारा चिन्हांकित 12 प्रमुख जीवन एवं शैक्षणिक कौशलों में से कम से कम 10 या उससे अधिक कौशलों को आगामी तीन माह में अर्जित करने का संकल्प लिया।
इन 12 कौशलों में कंप्यूटर ज्ञान, पेंटिंग एवं क्राफ्ट, नृत्य, संगीत, रीडिंग, इलेक्ट्रिशियन कार्य, खेल, तैराकी, साइक्लिंग, गार्डनिंग, लेखन एवं मंच अभिव्यक्ति और सामुदायिक सहभागिता जैसे जीवनोपयोगी और रचनात्मक गतिविधियाँ शामिल हैं। यह प्रयास न केवल शिक्षकों को बहुआयामी बनाएगा, बल्कि उन्हें विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए एक प्रेरणास्त्रोत भी बनाएगा।
इस अवसर पर डाइट के प्राचार्य बी.पी. साहू ने छात्राध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा, “आज के युवा शिक्षकों को केवल किताबी ज्ञान नहीं बल्कि व्यवहारिक जीवन कौशलों से भी संपन्न होना आवश्यक है। एक बहुपरकीय कौशलयुक्त शिक्षक ही समाज में जागरूकता और सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।”
डाइट के अकादमिक सदस्य संजय कुमार शर्मा ने छात्राध्यापकों को उत्साहित करते हुए कहा कि प्रत्येक शिक्षक को इन सभी कौशलों को तीन माह की समयावधि में सीखने का प्रयास करना चाहिए, ताकि वे खुद में एक प्रेरणास्रोत बन सकें और अपने विद्यार्थियों को भी जीवन के हर क्षेत्र में दक्ष बना सकें।
इस आयोजन में छात्राध्यापकों ने समूहों में अपने लक्ष्य तय किए और व्यक्तिगत रूप से अपने विकास की रूपरेखा भी तैयार की। कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षक शिक्षा में कौशल आधारित अधिगम को बढ़ावा देना और शिक्षकों को सामाजिक सहभागिता की ओर उन्मुख करना था।
इस विशेष अवसर पर डाइट का यह नवाचार आने वाले समय में शिक्षक प्रशिक्षण के क्षेत्र में एक नई मिसाल के रूप में देखा जा रहा है।