पटवारी को ₹20 हज़ार घूस लेते रंगे हाथ दबोचा: ज़मीन दुरुस्ती-बटांकन के नाम पर भ्रष्टाचार, ACB का तगड़ा शिकंजा
जांजगीर-चांपा की पुटपुरा हल्का-19 में तैनात बालमुकुंद राठौर गिरफ्तार, रिश्वत की पूरी राशि जब्त; कार्यालय में हड़कंप,

पटवारी को ₹20 हज़ार घूस लेते रंगे हाथ दबोचा: ज़मीन दुरुस्ती-बटांकन के नाम पर भ्रष्टाचार, ACB का तगड़ा शिकंजा
जांजगीर-चांपा की पुटपुरा हल्का-19 में तैनात बालमुकुंद राठौर गिरफ्तार, रिश्वत की पूरी राशि जब्त; कार्यालय में हड़कंप,
एसीबी बोली—“शून्य सहिष्णुता, कड़े सबूतों के साथ कोर्ट में पेशी” पहली ही बार में फँस गया ‘हिसाब’
जांजगीर-चांपा ज़िले के ग्रामीण पटवारी कार्यालय में बुधवार दोपहर भ्रष्टाचार-निरोधक ब्यूरो (ACB) ने छापा मारकर पटवारी बालमुकुंद राठौर को ₹20 हज़ार की रिश्वत लेते हुए पकड़ा। राठौर ने ग्राम पुटपुरा के एक किसान से भूमि दुरुस्ती व बटांकन की फ़ाइल आगे बढ़ाने के एवज़ में यह रकम माँगी थी। किसान ने सौदेबाज़ी की ऑडियो-रिकॉर्डिंग के साथ शिकायत दाख़िल की; ACB ने प्रामाणिकता जाँचकर कैमिकल ट्रैप बिछाया और जैसे ही नोट राठौर के हाथ में पहुँचे, टीम ने दबोच लिया।
ऑपरेशन ‘क्लीन पटवारी’—ACB का पूरा घटनाक्रम
1. शिकायत का सत्यापन – प्राथमिक जाँच में रिश्वत माँगने की पुष्टि।
2. रेंजिंग नोट – रासायनिक पाउडर से रंगे नोट सिविल पोशाक में किसान को दिए गए।
3. ट्रैप टीम तैनात – कार्यालय-कक्ष और बाहर निगरानी के लिए दो अलग दस्ते।
4. पकड़– रकम हाथ लगते ही संकेत पर भीतर घुसी टीम; चंद सेकंड में पटवारी गिरफ्तार।
5. फोरेंसिक सील – नोट, दस्तावेज़, मोबाइल व कार्यालय रजिस्टर जब्त; उँगलियों से सैंपल लिए गए।
आरोपी के ख़िलाफ़ क़ानूनी धाराएँ
राठौर पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 (संशोधित 2018) की धारा 7 एवं 13(1)(b) का केस दर्ज हुआ। दोष सिद्ध होने पर पाँच से सात वर्ष तक कठोर कारावास और अर्थदंड का प्रावधान है। ACB सूत्रों के मुताबिक, हिरासत बढ़ाने की अर्जी के साथ उसे गुरुवार को विशेष अदालत में पेश किया जाएगा।
“भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं”—प्रथमदृष्टया प्रतिक्रिया
एसीबी एसपी, बिलासपुर रेंज: “शून्य सहिष्णुता नीति के तहत कोई भी अधिकारी कानून से ऊपर नहीं। जाँच पारदर्शी रहेगी।”
किसान संघ प्रतिनिधि: “पटवारी-तहसील नेटवर्क में रिश्वतखोरी आम हो चली है; इस गिरफ़्तारी से संदेश गया है।”
ज़िला प्रशासन: बालमुकुंद राठौर को तत्काल निलंबित करने की फाइल तैयार।
सिस्टम पर बड़ा सवाल
जमीन संबंधी फ़ाइलों में ‘बिचौलिए-तंत्र’ और कार्यालयी देरी ने पटवारियों के अनौपचारिक ‘रेट-कार्ड’ को जन्म दिया है। ज़िले में पिछले दो वर्षों में ACB ने पटवारी-राजस्व अमले पर छह ट्रैप ऑपरेशन चलाए, पर व्यापक नीतिगत सुधार अब भी अधर में हैं।
आगे क्या?
ACB: संपत्ति की असमानता व आय से अधिक संपत्ति की जाँच खोलेगी।
ज़िला प्रशासन: राजस्व कार्यालयों में सीसीटीवी-सिस्टम व ऑटो-क्योस्क से फॉर्म जमा करने की तैयारी।
कृषक समूह: पीड़ितों के लिए हेल्पलाइन तथा सामूहिक कानूनी सहायता मंच की पहल।
एक ओर राज्य सरकार भ्रष्टाचार-मुक्त व्यवस्था का दावा कर रही है, वहीं राजस्व दफ्तरों में रिश्वत की जड़ें गहरी हैं। बालमुकुंद राठौर की गिरफ़्तारी सिर्फ़ एक मछली है; यदि पटवारी-तहसील श्रृंखला में फैले ‘हैसियत से बाहर की कमाई’ के स्रोतों पर चोट नहीं की गई, तो बिजली-सी चमकी यह कार्रवाई भी जल्द धुँधला जाएगी।