रिश्तों की डोर सलाखों के पार… आंसुओं और मुस्कान के बीच जेल में बंधी राखी
जेल में भी गूंजा रक्षा बंधन का पर्व, सलाखों के पीछे भाई-बहन का भावुक मिलन

रिश्तों की डोर सलाखों के पार… आंसुओं और मुस्कान के बीच जेल में बंधी राखी
जेल में भी गूंजा रक्षा बंधन का पर्व, सलाखों के पीछे भाई-बहन का भावुक मिलन
जांजगीर-खोखरा। रक्षा बंधन का त्योहार हर साल भाई-बहन के रिश्तों को नई मजबूती देता है। इस बार भी पूरे प्रदेश में इस पर्व की रौनक सुबह से ही दिखाई दी, बाजारों में मिठाई, कपड़े और राखी की दुकानों पर भीड़ उमड़ी, सड़कें गुलजार रहीं और घर-घर में खुशियां छाईं। लेकिन इसी रौनक के बीच जिला जेल जांजगीर-खोखरा में कुछ बहनों के चेहरे पर मुस्कान से ज्यादा आंसू थे, क्योंकि उनके भाई इस समय सलाखों के पीछे हैं।

सुबह से ही कई बहनें राखी, मिठाई और उपहार लेकर जेल के मुख्य द्वार पर पहुंचीं। सुरक्षा जांच और औपचारिकताओं के बाद उन्हें अंदर जाने की अनुमति मिली। जैसे ही बहनों ने अपने भाई को देखा, आंखें भर आईं। भाई-बहन के इस भावुक मिलन में कई पलों तक सिर्फ आंसू और खामोशी ही बोलते रहे। फिर बहनों ने राखी बांधी, मिठाई खिलाई और भाई के लंबी उम्र की कामना की।

जेलर श्री टोंडर ने बताया कि “जेल के नियमों और उच्च कार्यालय के निर्देशों के अनुसार रक्षा बंधन के अवसर पर विशेष व्यवस्था की गई। बहनों के आगमन के समय सुरक्षा के साथ-साथ उनके और कैदियों के मिलने का समय भी सुनिश्चित किया गया, ताकि त्योहार की गरिमा बनी रहे।”

भले ही लोहे की सलाखें इस रिश्ते को अलग करती हैं, लेकिन भाई-बहन के प्रेम और भावनाओं को कोई दीवार रोक नहीं पाती। रक्षा बंधन का यह दिन जेल में भी भाई-बहन के अटूट रिश्ते का गवाह बन गया।




