जिला मुख्यालय में उमड़ा आदिवासी गौरव, करमा नृत्य संग निकली भव्य रैली
रक्षा बंधन और आदिवासी दिवस का संगम… जांजगीर-चांपा में दिखी परंपरा और भाईचारे की अद्भुत झलक

जिला मुख्यालय में उमड़ा आदिवासी गौरव, करमा नृत्य संग निकली भव्य रैली
रक्षा बंधन और आदिवासी दिवस का संगम… जांजगीर-चांपा में दिखी परंपरा और भाईचारे की अद्भुत झलक
जांजगीर-चांपा। जांजगीर-चांपा में 9 अगस्त का दिन सांस्कृतिक उत्सव और सामाजिक एकता का प्रतीक बन गया। एक ओर रक्षा बंधन का पावन पर्व, तो दूसरी ओर आदिवासी गौरव और परंपरा का रंग – दोनों का संगम शहर की सड़कों पर देखने को मिला। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर समाज के लोगों ने करमा नृत्य की धुन पर कदम थिरकाते हुए जिला मुख्यालय में विशाल रैली निकाली।

सुबह से ही कचहरी चौक पर पारंपरिक वेशभूषा में सजे-धजे बच्चे, युवा, महिलाएं और बुजुर्ग जुटने लगे। ढोल, मांदर और करमा गीतों की लय ने माहौल को जीवंत कर दिया। रैली कचहरी चौक से बीटीआई चौक होते हुए पुनः कचहरी चौक पहुंची। पूरे मार्ग में आदिवासी संस्कृति की झलक, पारंपरिक नृत्य और गीतों ने लोगों का ध्यान खींचा।

रैली के समापन अवसर पर आदिवासी समाज के वरिष्ठ जनों और पदाधिकारियों ने सभा को संबोधित किया। आदिवासी युवा संगठन के कर्मचारी संगठन के जिला अध्यक्ष संतोष नेताम ने कहा – “विश्व आदिवासी दिवस हमारी पहचान और अस्तित्व की रक्षा का दिन है। हमें अपनी संस्कृति, भाषा और परंपरा को संजोकर अगली पीढ़ी तक पहुंचाना होगा।”
वहीं समाजसेवी अमर सिंह गोड़ ने कहा – “आज हम सबको गर्व है कि हमारी परंपरा इतनी जीवंत और समृद्ध है। युवा पीढ़ी का इस रैली में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना हमारी संस्कृति के भविष्य को सुरक्षित करता है।”
सक्रिय महिला कार्यकर्ता ने प्रशासन का धन्यवाद देते हुए कहा – “शहर में शांतिपूर्ण और अनुशासित आयोजन के लिए पुलिस व प्रशासन का सहयोग सराहनीय रहा।”

पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। जगह-जगह सुरक्षा बल तैनात रहे और यातायात व्यवस्था भी सुचारू रखी गई। दिनभर शहर में एकता, भाईचारे और सांस्कृतिक गौरव का माहौल छाया रहा।




