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ओपन बोर्ड परीक्षा में भारी गड़बड़ी का खुलासा, विधानसभा तक में गूंजा था मामला

सवाल अब भी अनुत्तरित, जिम्मेदार कब करेंगे जांच और कार्रवाई?

ओपन बोर्ड परीक्षा में भारी गड़बड़ी का खुलासा, विधानसभा तक में गूंजा था मामला

सवाल अब भी अनुत्तरित, जिम्मेदार कब करेंगे जांच और कार्रवाई?

 

सक्ती। जिले में ओपन बोर्ड परीक्षा केंद्रों पर अवैध वसूली और गड़बड़ी का मामला विधानसभा तक पहुँचा, लेकिन लगभग एक महीना बीत जाने के बाद भी जांच और कार्रवाई का नामोनिशान नहीं है। विधानसभा के मानसून सत्र (14 से 18 जुलाई) में जैजैपुर विधायक बालेश्वर साहू ने नियम 138(1) के तहत ध्यानाकर्षण सूचना देकर यह मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया था। बावजूद इसके, अब तक बोर्ड अध्यक्ष और सचिव मौन साधे बैठे हैं।

विधानसभा में गूँज उठा था अवैध वसूली का मामला

विधायक साहू ने सदन को बताया था कि जिले के कई केंद्रों जैसे खजुरानी, कोटमी और सकराली में छात्रों से निर्धारित फीस से कहीं अधिक राशि वसूली जा रही है। हाई स्कूल और हायर सेकंडरी परीक्षा की निर्धारित फीस क्रमशः ₹1442 और ₹2004 है, जबकि छात्रों से कई गुना अधिक रकम वसूली का आरोप है। इतना ही नहीं, 6 जून को एक छात्रा ने कलेक्टर को लिखित शिकायत भी दी थी।

“ऊपर तक पहुँचा पैसा, नीचे से वसूली लाजमी”

डभरा क्षेत्र के एक पूर्व केंद्राध्यक्ष ने खुलासा किया था कि परीक्षा संचालन के दौरान संबंधित अधिकारी को ₹50 हजार और परीक्षा केंद्र निर्धारण के नाम पर डीईओ कार्यालय को एक लाख रुपये देना पड़ता है। ऐसे हालात में केंद्राध्यक्ष छात्रों से अवैध वसूली करने को मजबूर हो जाते हैं। यह बयान स्पष्ट करता है कि ओपन बोर्ड परीक्षाएँ जिले में “अवैध धंधे” की शक्ल ले चुकी हैं।

शिक्षा प्रभावित, पर बोर्ड खामोश

विधायक ने यह भी प्रश्न उठाया था कि शा. कन्या उ.मा.वि. सक्ती को परीक्षा केंद्र व अग्रेषण संस्था क्यों बनाया गया, जबकि स्थानीय स्तर पर दर्जनों हाई स्कूल व हायर सेकंडरी स्कूल उपलब्ध हैं। यहाँ मूल्यांकन केंद्र भी है और एक वर्ष में तीन-तीन बार परीक्षाएँ हो रही हैं। इसके कारण बच्चों की नियमित पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है और RTE के तहत 220 कार्यदिवस पूरे करना कठिन हो गया है।

विधानसभा में सवाल, जवाब अब तक शून्य

सबसे बड़ा सवाल यह है कि विधानसभा में जब यह मुद्दा उठ चुका है, तब भी एक माह बाद तक जांच और कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

क्या शिक्षा मंडल और बोर्ड अध्यक्ष-सचिव इस मामले पर सिर्फ खामोशी ओढ़े रहेंगे?

क्या अवैध वसूली और अनियमितताओं की परतें खुलेंगी या यह मामला भी महज कागजी खानापूर्ति बनकर रह जाएगा?

इंतजार कर रहे जनता और छात्र-छात्राएँ

कल से जिले में फिर से ओपन बोर्ड परीक्षा शुरू हो रही है, नवंबर और मार्च-अप्रैल में भी यह सिलसिला जारी रहेगा। सवाल उठना लाजिमी है कि विधानसभा तक पहुँचे इस गंभीर प्रकरण में आखिर कार्रवाई कब होगी और जिम्मेदार कब कटघरे में खड़े होंगे? जनता और छात्र-छात्राएँ इसी का इंतजार कर रहे हैं।

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