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मुंगेली में किसानों की नई पहचान, ग्राफ्टेड बैगन की खेती से बढ़ी आमदनी

तकनीक और नवाचार से बदल रही मुंगेली की खेती, ग्राफ्टेड बैगन ने किसानों को बनाया आत्मनिर्भर

मुंगेली में किसानों की नई पहचान, ग्राफ्टेड बैगन की खेती से बढ़ी आमदनी

तकनीक और नवाचार से बदल रही मुंगेली की खेती, ग्राफ्टेड बैगन ने किसानों को बनाया आत्मनिर्भर

मुंगेली। छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में कृषि का परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। जहां पहले किसान मुख्य रूप से धान की खेती पर निर्भर थे, वहीं अब वे नवाचार और आधुनिक तकनीक आधारित खेती की ओर बढ़ रहे हैं। इस बदलाव की अगुवाई ग्राफ्टेड बैगन की खेती कर रही है, जिसने किसानों को न सिर्फ आर्थिक रूप से मजबूत बनाया है, बल्कि समृद्धि और आत्मनिर्भरता की नई राह भी दिखाई है।

ग्राम संगवाकापा, विकासखंड मुंगेली के कृषक तिहारीराम देवांगन पिता सुकृत राम देवांगन इस बदलाव के प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। उन्होंने 0.4000 हेक्टेयर भूमि पर राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत ग्राफ्टेड बैगन की खेती शुरू की और कुछ ही समय में लाखों रुपये की आमदनी अर्जित की।

तिहारीराम देवांगन बताते हैं—
“धान की तुलना में ग्राफ्टेड बैगन से मुझे तीन गुना अधिक आमदनी हो रही है। उद्यानिकी विभाग से मिले तकनीकी मार्गदर्शन, उन्नत बीज और अनुदान ने आत्मविश्वास बढ़ाया है। अब मैं आने वाले वर्षों में इस खेती का विस्तार करना चाहता हूं।”

उन्होंने आगामी वर्ष के लिए अनुदान हेतु पंजीयन भी करा लिया है।

तेजी से बढ़ता क्षेत्रफल और उत्पादन

वर्ष 2024-25 में जिले में 112 एकड़ भूमि पर ग्राफ्टेड बैगन की खेती के लिए किसानों को अनुदान दिया गया। उद्यानिकी विभाग की योजना आगामी वर्ष 2025-26 में इस क्षेत्र को 250 एकड़ तक बढ़ाने की है। इसका सीधा लाभ सैकड़ों किसानों को मिलेगा और उनकी आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। वर्तमान में जिले के 200 से अधिक किसान इस तकनीक का लाभ उठा रहे हैं।

क्या है ग्राफ्टेड बैगन की खेती?

ग्राफ्टेड बैगन एक विशेष कृषि तकनीक है, जिसमें बैगन की उन्नत किस्म को रोग प्रतिरोधक पौधे पर कलम किया जाता है। इससे पौधे:
अधिक मजबूत और टिकाऊ बनते हैं,
रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है,
उत्पादन में बढ़ोतरी होती है,
और किसान को ज्यादा लाभ मिलता है।
किसानों तक तकनीक पहुँचाने में विभाग की बड़ी भूमिका

किसानों को उन्नत तकनीकों से जोड़ने और संसाधन उपलब्ध कराने में उद्यानिकी विभाग की भूमिका अहम रही है। उद्यान अधीक्षक बी.पी. सिंह के नेतृत्व में, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी शशिकांत साहू के निरीक्षण व शासकीय उद्यान रोपणी बाघामुड़ा (वि./जिला मुंगेली) की टीम गांव-गांव जाकर किसानों को प्रशिक्षण दे रही है। उद्यानिकी विभाग किसानों को: बीज, मल्चिंग शीट, जैविक खाद व अन्य सामग्रियों पर अनुदान, फील्ड निरीक्षण व तकनीकी प्रशिक्षण तथा अन्य व्यावसायिक फसलों की वैज्ञानिक खेती के उपाय भी उपलब्ध करा रहा है।

ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी शशिकांत साहू ने बताया—
“हम किसानों को ग्राफ्टेड बैगन के साथ-साथ व्यावसायिक फसलों की गुणवत्तापूर्ण खेती के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं। लक्ष्य है कि किसान लागत घटाकर अधिक मुनाफा कमा सकें।”

मुंगेली जिले का यह प्रयोग साबित करता है कि यदि किसानों को सही तकनीक, मार्गदर्शन और सरकारी सहयोग मिले तो वे पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर आत्मनिर्भर और समृद्ध बन सकते हैं। ग्राफ्टेड बैगन की खेती ने मुंगेली को कृषि नवाचार के मानचित्र पर एक नई पहचान दिलाई है।

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