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“प्रति बूंद अधिक फसल” ने बदली किस्मत, छत्तीसगढ़ के किसानों की ‘ड्रिप सिंचाई’ से सफलता की कहानी

ड्रिप सिंचाई से बढ़ी आय, घटी लागत, पीएम कृषि सिंचाई योजना बनी ग्रामीण समृद्धि की राह

“प्रति बूंद अधिक फसल” ने बदली किस्मत, छत्तीसगढ़ के किसानों की ‘ड्रिप सिंचाई’ से सफलता की कहानी

ड्रिप सिंचाई से बढ़ी आय, घटी लागत, पीएम कृषि सिंचाई योजना बनी ग्रामीण समृद्धि की राह

मुंगेली : प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) के अंतर्गत “प्रति बूंद अधिक फसल” के नारे को साकार करते हुए छत्तीसगढ़ के किसानों ने जल संरक्षण, लागत में कमी और उत्पादन वृद्धि का नया अध्याय लिखा है। राज्य के कई जिलों में ड्रिप सिंचाई (टपक सिंचाई) को अपनाने वाले किसानों की सफलता की मिसाल अब प्रेरणा का स्रोत बन गई है।

जल संरक्षण में नई दिशा

पारंपरिक बाढ़ सिंचाई की जगह ड्रिप प्रणाली अपनाने से किसानों ने पानी की बर्बादी में भारी कमी की है। यह तकनीक पौधों की जड़ों तक सीधा पानी पहुंचाती है, जिससे न केवल सिंचाई आसान हुई, बल्कि भूजल स्तर की गिरावट वाले क्षेत्रों में भी फसलों की बेहतर पैदावार संभव हुई है।

मुंगेली जिले के किसान होरीराम सोनकर बताते हैं कि ड्रिप सिंचाई से उन्होंने न केवल पानी की बचत की, बल्कि खाद और दवाओं के उपयोग में भी 30 प्रतिशत तक की कमी आई। इससे खेती का कुल खर्च घटा और उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।

उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार

ड्रिप सिंचाई और मल्चिंग जैसी तकनीकों से सब्जियों, फलों और फूलों की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों में जबरदस्त सुधार देखा गया है।

जवाहर वार्ड (मुंगेली) के प्रगतिशील किसान ऊदल लाल सोनकर ने टपक सिंचाई के जरिए टमाटर, गेंदा और अमरूद की खेती शुरू की। उनकी मेहनत और आधुनिक तकनीक के मेल ने उन्हें सालाना 5 लाख रुपये से अधिक की आय दिलाई।

कम खर्च में ज्यादा मुनाफा

ड्रिप प्रणाली से सिंचाई कार्य में मजदूरी की आवश्यकता कम हो गई है। साथ ही, फर्टिगेशन तकनीक के माध्यम से पौधों को सीधे उर्वरक और दवा मिलती है, जिससे खर्च में कमी आई और उत्पादन क्षमता बढ़ी। किसानों की शुद्ध आय में तीन से चार गुना तक की वृद्धि दर्ज की गई है।

किसानों की उन्नति बनी प्रेरणा

ड्रिप सिंचाई को अपनाने वाले किसान अब अन्य किसानों को भी इस दिशा में प्रोत्साहित कर रहे हैं। उद्यानिकी विभाग के सहयोग और केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं से लाभान्वित ये किसान अपने क्षेत्र में “आधुनिक खेती के ब्रांड एम्बेसडर” बनते जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत लागू ड्रिप सिंचाई प्रणाली ने छत्तीसगढ़ के किसानों की आर्थिक स्थिति में सकारात्मक बदलाव लाया है। यह न केवल “कम पानी में अधिक फसल” की अवधारणा को साकार कर रही है, बल्कि ग्रामीण अंचलों में आत्मनिर्भरता और समृद्धि की नई कहानी भी लिख रही है।

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